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अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की मुख्यमंत्री योगी ने


प्रयागराज । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (UP Chief Minister) योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या (Murder of Atiq Ahmad and His Brother Ashraf) की जांच के लिए (To Investigate) तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (3-Member Judicial Commission) की घोषणा की (Announced) । राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी के लिए प्रयागराज जा रहे हैं।


अधिकारियों ने बताया कि अतीक और उसके भाई की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस बीच, प्रयागराज में इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जबकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कानपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर सबसे पहले योगी के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई। योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बिना नाम लिए कहा कि पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के कुछ देर बाद ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।

अतीक और अशरफ की हत्या पर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्रीजी का फरमान मिट्टी में मिलादेंगे। अतीक अहमद की सुप्रीम कोर्ट में याचिका- पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका के चलते सुरक्षा की मांग-नो रिलीफ, फिर फेक एनकाउंटर और पुलिस के घेरे में सुनियोजित हत्याएं तो होनी ही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि अतीक के शेष बेटे भी मारे जाएं।

बसपा चीफ मायावती ने अतीक और अशरफ के हत्याकांड के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या। उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर है। वैसे भी उत्तर प्रदेश में कानून द्वारा कानून के राज के बजाय, अब इसका इण्काउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।

अतीक और अशरफ की हत्या के कुछ देर बाद ही एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया उन्होंने कहा कि अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियाँ लगी हुई थीं। जयश्री राम के नारे भी लगाये गये। दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं।

अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मीडिया के सामने आए और यूपी सरकार पर हमला बोला। गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है वह देश देख रहा है। क़ानून का राज नहीं रहेगा तो यह घटनाएं किसी के भी साथ हो सकती हैं। यूपी में जो हुआ वह आसान है लेकिन क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल है।

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