- रात्रिकालीन सफाई भी नहीं हो रही… सभी झोनों के अंतर्गत आने वाले शौचालय ज्यादातर गंदे, प्रकाश सहित अन्य व्यवस्थाएं चरमराई
उज्जैन। स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 की तैयारियों को इंदौर नगर निगम अंतिम रूप देने में जुटा है, क्योंकि वहाँ अगले हफ्ते से सर्वेक्षण के लिए दिल्ली से टीम पहुंच जाएगी। लेकिन अभी उज्जैन नगर निगम में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियाँ ही चल रही है। रात्रिकालीन सफाई, लीटरबिन की धुलाई के साथ ही सभी झोनों के अंतर्गत आने वाले शौचालयों की धुलाई, सफाई, प्रकाश सहित अन्य व्यवस्थाएं अभी करना शेष है। कोरोना की तीसरी लहर के चलते जनवरी-फरवरी में होने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण आगे बढ़ गया, जो कि अब मार्च के पहले पखवाड़े में होना है, जिसको लेकर पड़ौसी शहर इंदौर नगर निगम का पूरा अमला भिड़ गया है, क्योंकि स्वच्छता के मामले में एक बार फिर अव्वल आने की तैयारी हो चुकी है। इंदौर में आयुक्त द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की गाइडलाइन एवं प्रोटोकॉल अनुसार व्यवसायिक क्षेत्र में संस्थान व दुकान में अनिवार्य रूप से 2 प्रकार के गीले-सुखे कचरे हेतु डस्टबीन होना, प्रत्येक दुकान व संस्थान से कचरा डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन में आना सुनिश्चित करना, प्रत्येक वार्ड में कम से कम एक बैक लाईन का जनभागीदारी से ब्युटीफिकेशन का कार्य, किसी भी क्षेत्र में सी एंड डी वेस्ट व मलबा फैला ना मिले, सफाई मित्र अनिवार्य रूप से युनिफार्म में आवे, ऑन साईड गीले कचरे से खाद का निर्माण करना, क्षेत्र में अनिवार्य रूप से स्वीपिंग होना, रात्रिकालीन स्वीपिंग, मेकेनाईज्ड स्वीपिंग, लिटरबीन की धुलाई व मरम्मत कार्य के साथ ही मुख्य रूप से जितने भी झोन के अंतर्गत सीटीपीटी व युरिनल्स आते है वह साफ-सुथरे रखने, पानी, सफाई, प्रकाश की उचित व्यवस्था तथा आवश्यक मरम्मत के कार्य पूर्ण किए जा रहे हैं।
इसके विपरित उज्जैन नगर निगम में अभी यह सारी तैयारियाँ पूरी तरह से नहीं हो पाई है। शहर के अधिकांश नगर निगम के सुविधाघर और शौचालय नियमित रूप से साफ नहीं हो पा रहे हैं। पिछले सर्वेक्षण के दौरान कई सुविधाघरों में टूट चुकी टाईल्स, बेसिन, नल की टोटियाँ आदि की मरम्मत एनवक्त पर की गई थी। इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम के आगमन को देखते हुए अभी शुरुआती तौर पर कुछ सुविधाघरों में यह काम शुरु किए गए हैं। कई व्यवसायिक क्षेत्रों में अभी भी रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था ठीक से नहीं चल रही है।
54 नोडल अधिकारियों को दे रखी है जवाबदारी
स्वच्छता सर्वेक्षण के आगामी आंकलन को लेकर हालांकि पूरे साल नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, अपर आयुक्त मनोज पाठक, शहर के एक-एक वार्ड में कोरोना काल के दौरान भी सुबह सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण करते रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने शहर के सभी 54 वार्डों में पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद से ही 54 नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी थी। झोन वार नोडल अधिकारी बनाए गए यह लोग रोज सुबह अपने अपने निर्धारित वार्डों में सफाई व्यवस्था के लिए जायजा लेने भी निकले लेकिन पुराने शहर के ज्यादातर वार्डों में नोडल अधिकरियों से ज्यादा निगम आयुक्त और अपर आयुक्त सुबह की सफाई व्यवस्था वार्डों में देखने के साथ-साथ शिप्रा के घाटों और प्रमुख धर्मस्थलों के आसपास की सफाई की भी लगातार मॉनीटरिंग करते रहे लेकिन जैसे-जैसे सर्वेक्षण टीम के आगमन का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे इस काम में ढील पोल बरती जा रही है।