- सहयोग के बदले पुलिस किसी प्रकार का भुगतान नहीं करेगी
भोपाल। बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस अब तकनीक के जानकार आम व्यक्तियों की भी मदद लेगी। ऐसे दक्ष लोग राज्य साइबर सेल से संपर्क कर अपनी ओर से सहयोग की पेशकश कर सकते हैं। मदद के इच्छुक लोगों के बारे में पड़ताल कर एक पैनल का गठन किया जाएगा, जो किसी भी साइबर अपराध संबंधी तकनीकी समस्या के समाधान में पुलिस की मदद करेगी। सहयोग के बदले पुलिस किसी प्रकार का भुगतान नहीं करेगी। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अपराधी आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। पुलिस इनसे निपटने के लिए संसाधनों से लैस है, लेकिन विशेषज्ञता भी एक अहम पहलू है। ऐसे विशेषज्ञों की सहायता से काम आसान हो सकता है। राज्य साइबर सेल यह काम अपने स्तर पर कर रही है।
ऐसे लोगों को वालेंटियर कहा जाएगा। साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए इन दिनों तीन चरण सतर्कता, अनुसंधान और समन्वय पर काम हो रहा है। इसके लिए विभिन्न् एजेंसियों के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है। इसी के तहत तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी तैयार की जा रही है। पुलिस के पास मौजूद अमले के अतिरिक्त आम जनता के बीच से लोगों को पुलिस की सहायता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जो लोग पुलिस की मदद करना चाहते हैं, वे राज्य साइबर सेल में वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। स्वच्छ छवि के लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा। इस व्यवस्था से प्रदेशभर में पुलिस के पास अतिरिक्त रूप से तकनीक के जानकार लोगों की टीम होगी और किसी मामले की जांच में उनकी मदद ली जा सकेगी।
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