इंदौर। हाल ही में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा चुनाव (assembly elections) को लेकर कांग्रेस (Congress) पार्टी द्वारा दिनांक 17 अक्टूबर 2023 को अपना 106 पेज का घोषणा पत्र (manifesto) जारी किया गया, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने 59 वचन पत्र जारी किए उक्त घोषणा पत्र में मध्य प्रदेश के मतदाताओं (voters) को गलत तरीके से प्रभावित किए जाने की शिकायत निर्वाचन आयोग (Election Commission) को की गई है जिसमें शिकायत दर्ज की जा चुकी है।
शिकायतकर्ता एडवोकेट पंकज वाधवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक सुब्रमण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु राज्य 2013 के केस में इस प्रकार की शिकायतों को धारा 123 के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में रखते हुए। निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों द्वारा जारी की जाने वाली घोषणा पत्र के संबंध में दिशा निर्देश जारी करने का आदेश दिया था, जिस पर निर्वाचन आयोग द्वारा 12 अगस्त 2013 को गाइडलाइन जारी की गई थी। उक्त गाइडलाइन के बिंदु क्रमांक 18.3.2 में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख किया गया है, कि घोषणा पत्र में किए जाने वाले वादों की विश्वसनीयता एवं उसके पीछे के आधार होना आवश्यक होगा और यह भी बताया जाना जरूरी होगा। कि जनता से किए जाने वाले वादों के लिए वित्तीय आपूर्ति कैसे होगी, ताकि मतदाताओं का विश्वास बना रहे एवं वादे ऐसे किया जा सके जो पूरे भी हो।
एडवोकेट पंकज वाधवानी द्वारा की गई शिकायत में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किया गया घोषणा पत्र आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, एवं मतदाताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाला है। अश्विनी के उपाध्याय बनाम नेशनल टेरिटरी दिल्ली के केस में आम आदमी पार्टी द्वारा जन लोकपाल बिल एवं स्वराज बिल नहीं ले जाने पर याचिका लगाई गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा था कि राजनीतिक दल द्वारा जारी किए जाने वाले घोषणा पत्र को लागू नहीं कराया जा सकता है, इस वजह से निर्वाचन आयोग ने एक सर्कुलर दिनांक 19 फरवरी 2014 को जारी किया था जिसका भी उल्लंघन कांग्रेस द्वारा जारी किए गए मेनिफेस्टो में किया गया है। शिकायत में मांग की गई है कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करें।
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