अमेठी । कांग्रेस नेता (congress leader) और उत्तर प्रदेश के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह (Deepak singh) ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अमेठी (Amethi) से भाजपा सांसद स्मृति ईरानी (BJP MP Smriti Irani) को राज्य में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में शामिल होने के लिए आमंत्रित (invited) किया है. दीपक सिंह ने कहा कि उन्होंने ईरानी के सचिव नरेश शर्मा को बुधवार को गौरीगंज स्थित उनके कैंप कार्यालय में निमंत्रण सौंपा.
विधान परिषद के पूर्व सदस्य (एमएलसी) ने कहा कि उन्हें उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रित करने का निर्देश दिया था. दीपक सिंह बोले, ‘मैंने सोचा कि अमेठी की सांसद स्मृति जुबिन ईरानी को किसी और से पहले निमंत्रण पत्र दिया जाना चाहिए.’ निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर, भाजपा के जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि अमेठी के सांसद या पार्टी के किसी अन्य कार्यकर्ता के यात्रा में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है.’
भाजपा ने शामिल होने से किया इनकार
भाजपा जिलाध्यक्ष बोले, हमारी पार्टी हमेशा अखंड भारत की अवधारणा पर काम करती है. भारत कभी टूटा नहीं है, तो इसे जोड़ने की बात कहां से आई. बता दें कि स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराया था.
अखिलेश भी ठुकरा चुके हैं कांग्रेस का न्योता
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी साफ कर दिया था कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होंगे. अखिलेश ने कहा था कि मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है, हमारी विचारधारा अलग है, बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक है.
भारत जोड़ो यात्रा को UP में सफल बनाना कांग्रेस के लिए चुनौती
गौरतलब है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तीन जनवरी को गाजियाबाद से होते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली है. यात्रा गाजियाबाद के लोनी से शुरू होगी और अलग-अलग शहरों से होते हुए आगे बढ़ेगी. यूपी में कांग्रेस की ये यात्रा सफल रहे, इसलिए पार्टी द्वारा विपक्ष के बड़े नेताओं को इसमें शामिल होने का न्योता देने का दावा किया गया है. कांग्रेस नेताओं की मानें तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और आरएलडी नेता जयंत चौधरी को न्योता भेजा गया था. जयंत चौधरी ने पहले इस यात्रा में शामिल होने से मना कर दिया था और फिर अखिलेश ने भी साफ कह दिया कि उन्होंने कोई न्योता नहीं मिला है. लेकिन अभी मायावती के जाने पर भी सस्पेंस बना हुआ है.