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    कमलनाथ के निशाने पर कांग्रेस की बागी

  • October 05, 2022

    • सरकार गिराने वालों को अगले चुनाव में पटकनी देने की रणनीति बना रही कांगे्रस

    भोपाल। प्रदेश में ढाई साल पहले भाजपा का दामन थामकर कमलनाथ सरकार गिराने वाले बागियों के लिए प्रदेश कांगे्रस अगले चुनाव के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बागियों के चुनाव क्षेत्र में पर्यवेक्षक तैनात कर दिए हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार गिराने वाले बागियों को हराया जाएगा। खबर है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इन विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी तय कर लिए हैं। सियासी मौका मिलते ही नामों का ऐलान भी कर दिया जाएगा।
    मार्च 2020 में सिंधिया ख्ेामे के 24 विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। जिससे कमलनाथ सरकार गिरी। भाजपा ने उपचुनाव में कांग्रेस के बागियों को ही टिकट दिलाया था। इनमें गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, बिसाहूलाल सिंह, डा. प्रभुराम चौधरी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ओपीएस भदौरिया, हरदीप सिंह डंग, बृजेंद्र सिंह यादव और सुरेश धाकड़ को शिवराज मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया। प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में जाने वाले नेताओं को उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र में घेराबंदी करने की कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत इन सीटों पर अधिकांश नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। जिला प्रभारी और सह प्रभारियों को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए गए हैं।


    उपचुनाव में ज्यादातर सीटें भाजपा ने जीतीं
    कांग्रेस में रहते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपेक्षा का आरोप लगाया था। उनके समर्थक तत्कालीन मंत्रियों के त्यागपत्र देने के कारण कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने और 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव कराए गए। इसमें तीन सीटें वे भी शामिल थीं, जो विधायकों के निधन से रिक्त हुए थीं। भाजपा ने सिंधिया के साथ पार्टी छोडऩे वाले विधायकों को ही प्रत्याशी बनाया। इसमें से 18 सीटें भाजपा ने जीतीं और कांग्रेस के खाते में सात सीटें आईं। इसके साथ ही बनवारीलाल शर्मा के निधन से रिक्त जौरा सीट भाजपा तो कांग्रेस ने आगर सीट जीती। ब्यावरा में कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा। दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया और फिर उपचुनाव में कांग्रेस के ही अजय टंडन ने उन्हें पराजित किया। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के समय बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी।

    पहले ही कर देंगे नामों की घोषणा
    प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल होने वाले वर्तमान मंत्रियों और विधायकों की घेराबंदी की जाएगी। पार्टी का विचार है कि नए चेहरों को आगे किया जाए। इस दिशा में संगठन पदाधिकारी काम कर रहे हैं। कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भी पहले कर दी जाएगी ताकि तैयारी के लिए पर्याप्त अवसर मिल सके।

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