भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

संगठन में जान फूंकने पदयात्रा करेगी कांग्रेस

  • विधानसभा चुनाव से पहले मिशन मोड में कांग्रेस
  • हर जिले में एक सप्ताह तक होगी 75 किमी पदयात्रा

भोपाल। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव निपटने के बाद अब कांग्रेस का पूरा फोकस मिशन 2023 पर है। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में जान फूंकेगी। पार्टी में जान डालने के लिए कांग्रेस एक बार फिर मैदान में उतर रही है। पार्टी ने 100 दिनों के कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके तहत पार्टी 9 से 15 अगस्त के बीच राज्य के सभी जिलों में केंद्र सरकार के खिलाफ पदयात्रा निकालेगी। हर जिले में 75 किलोमीटर तक यात्रा करेगी। साथ ही 2 अक्टूबर से भारत जोड़ो कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। इसके अलावा खाद्यान्न पर लगाए गए जीएसटी के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता व पदाधिकारी सड़क पर उतरेंगे।
मप्र कांग्रेस प्रदेश के सभी जिलों में 75 किलोमीटर की पदयात्रा निकालेगी। मप्र कांग्रेस एक व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत 9-15 अगस्त तक राज्य के सभी जिलों में पदयात्रा निकालेगी। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा कि जिस तरह महात्मा गांधी ने 80 साल पहले 9 अगस्त 1942 को अंग्रेजों को भारत छोड़ो का आह्वान किया था, उसी तरह कांग्रेस अब संविधान बचाओ, देश बचाओ का नारा देगी। इस संदेश को पूरे राज्य में ग्राम स्तर तक फैलाएगी। प्रत्येक जिले में 75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के दौरान, कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के जनविरोधी फैसलों के बारे में भी बताएंगे। वहीं कांग्रेस जमीनी स्तर तक पार्टी तंत्र को मजबूत करने और विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर भाजपा सरकार की विफलताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न पहल करते हुए आगे भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन
आंदोलन के दौरान पार्टी केंद्र और राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। पदयात्रा के जरिए केंद्र एवं राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों, वादा खिलाफी, गैस, पेट्राल, डीजल के बढ़ते दामों, हर खाद्य सामग्री की कीमतों में वृद्धि, जीएसटी में बढ़ोतरी आदि को लेकर जनता को जागरूक किया जाएगा। यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ता पंपलेट, बैनर, पोस्टर एवं झंडे लेकर शामिल होंगे। मप्र कांग्रेस कमेटी ने सभी जिला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष, जिला प्रभारी, विधायकों, मोर्चा संगठन, विभाग, प्रकोष्ठ के अध्यक्षों को पत्र जारी कर कहा है कि यात्रा के संबंध में प्रतिदिन अलग-अलग प्रभारी बनाए जाएं, प्रत्येक दिन की पदयात्रा की जानकारी से कांग्रेस के प्रभारी महासचिव एवं सचिव को भी अवगत कराएं।


पदयात्रा में होंगे सभी शामिल
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री प्रशासन प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि पदयात्रा में जिले के पदाधिकारी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, विधानसभा-2018 और लोकसभा- 2019 के प्रत्याशी, अभा एवं प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि, मोर्चा, संगठनों, विभागों, प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, जिला, जनपद पंचायत के सदस्य, पार्षद एवं अन्य पदाधिकारियों की अनिवार्य रूप से भागीदारी रहेगी। पदयात्रा करने का निर्णय अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा बीते दिनों उदयपुर में आयोजित नव संकल्प शिविर में लिया गया था।

युवा कांग्रेस 5 को संसद भवन का घेराव करेगी
भोपाल युवा कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी की प्रथम समीक्षा बैठक शुक्रवार को राजधानी में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में युवा कांग्रेस की भूमिका पर चर्चा की गई। साथ ही संसद के घेराव की रणनीति तैयार कर संगठन की आगामी गतिविधियों और अन्य विषयों पर चर्चा हुई।

मिशन 2023 की तैयारी में जुटी पार्टी
पंचायत और निकाय चुनाव से निपटते ही पार्टी मिशन 2023 की तैयारी में जुट गई है। कमलनाथ ने 2023 में पार्टी की जीत पक्की करने के लिए फॉर्मूला तैयार कर लिया है। इस बार जोर उन सीटों पर ज्यादा है, जहां कांग्रेस लगातार हार रही है। 2023 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने प्रदेश में कुछ ऐसे सीटों की पहचान की है, जहां पार्टी लगातार हार रही है। पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने ऐसी 70 सीटें चिह्नित की है, जहां वह जीत के लिए तरस रही है। इन सीटों पर वर्षों से भाजपा का कब्जा है। ऐसे में पार्टी को मानना है कि अगर इन सीटों पर जीत हासिल करनी है तो वहां से चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के पास मौका होना चाहिए। साथ ही यहां के लिए पार्टी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी, जो लगातार उस क्षेत्र की वास्तुस्थिति से अवगत रहें। इन सीटों पर कांग्रेस ने पूर्व में कई दांव चले लेकिन सफलता नहीं मिली है। वहीं, कांग्रेस की विशेष नजर उन सीटों पर जहां से भाजपा के लोग सात से आठ बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। कांग्रेस के तमाम दांव पेंच उन सीटों पर फुस्स हो जाते हैं।

इन सीटों पर कांग्रेस को नहीं मिली जीत
रीवा, सीधी, त्यौंथर, नरयावली, बीना, चांदला, ग्वालियर ग्रामीण, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा, बुधनी आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजलापुर, देवास, खातेगांव, बागली, नीमच, जावद, मंदसौर, मल्हारगढ़, इंदौर चार, उज्जैन उत्तर, इंदौर पांच, महू, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, पंधाना, खंडवा, हरसूद, बुरहानपुर, धार, इंदौर दो, जय सिंह नगर, सिहोरा, जैतपुर, बांधवगंढ़, मानपुर, मुड़वारा, जबलपुर केंट, पनानगर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवली, आमला, टिमरनी, दतिया, शिवपुरी, गुना, रेहली, बिजावर, पथरिया, हटा, रामपुरबघेलान आदि सीटें हैं।

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