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अपने पापों के लिए कांग्रेस को दोष न दें, डराने-धमकाने के आरोपों पर आमने-सामने PM मोदी और खरगे

नई दिल्‍ली (New Delhi)। वकीलों के एक समूह द्वारा मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud)को पत्र लिखे जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के बयान को कांग्रेस ने ‘‘पाखंड की पराकाष्ठा’’(height of hypocrisy) करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों के नरेंद्र मोदी के शासनकाल में चीजों को तोड़ने-मरोड़ने, ध्यान भटकाने और लोगों को बदनाम करने का काम किया जाता रहा है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि हाल के हफ्तों में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें कई झटके दिए हैं और चुनावी बॉण्ड योजना इसका एक उदाहरण है।

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत कुछ अन्य वकीलों की ओर से प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों को बदनाम करने के प्रयास के आरोप लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा था और दावा किया था कि ‘दूसरों’ को धमकाना और धौंस दिखाना विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ‘पुरानी संस्कृति’ रही है।


प्रधान न्यायाधीश को लिखे गए पत्र में वकीलों ने आरोप लगाया है कि एक ‘निहित स्वार्थी समूह बेकार के तर्कों और घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडा’ के आधार पर न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। इस पर प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि, “दूसरों को धमकाना और डराना कांग्रेस संस्कृति पुरानी है।”

पीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, आप न्यायपालिका की बात कर रहे हैं। आप आसानी से भूल जाते हैं कि उच्चतम न्यायालय के 4 वरिष्ठतम न्यायाधीशों को एक अभूतपूर्व प्रेस वार्ता आयोजित करने और ‘‘लोकतंत्र को नष्ट किए जाने’ के खिलाफ चेतावनी देने के लिए मजबूर किया गया था। वह आपके ही शासन में हुआ।’’

खरगे ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘न्यायाधीशों में से एक को आपकी सरकार द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था, तो कौन ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ चाहता है? आप भूल गए हैं कि आपकी पार्टी ने मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में एक उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को मैदान में उतारा है। उन्हें यह उम्मीदवारी क्यों दी गई?’’ खरगे ने पीएम से पूछा, ‘‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कौन लेकर लाया? माननीय उच्चतम न्यायालय ने इसे क्यों रोक दिया?’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी जी, आपके द्वारा एक के बाद एक संस्थानों को समर्पण करने के लिए धमकाया जा रहा है, इसलिए अपने पापों के लिए कांग्रेस पार्टी पर दोष मढ़ना बंद करें। आप लोकतंत्र से छेड़छाड़ करने और संविधान को चोट पहुंचाने की कला में माहिर हैं।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘न्यायपालिका की रक्षा के नाम पर, न्यायपालिका पर हमले की साजिश रचने और इसमें समन्वय करने में प्रधानमंत्री की बेशर्मी पाखंड की पराकाष्ठा है। हाल के हफ्तों में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें कई झटके दिए हैं। चुनावी बॉण्ड योजना तो इसका एक उदाहरण है।’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘ उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड को असंवैधानिक घोषित कर दिया और अब यह बिना किसी संदेह के साबित हो गया है कि यह (बॉण्ड) कंपनियों को भाजपा को दान देने के वास्ते मजबूर करने के लिए भयभीत करने, ब्लैकमेल करने और धमकी देने का एक ज़बरदस्त साधन था।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के बजाय भ्रष्टाचार को कानूनी गारंटी दी है। रमेश ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री ने सिर्फ बांटने, विकृत करने, ध्यान भटकाने और बदनाम करने का काम किया है। 140 करोड़ भारतीय उन्हें जल्द ही करारा जवाब देने का इंतजार कर रहे हैं।’’ उन्होंने एक अन्य पोस्ट में आरोप लगाया कि मोदी सरकार के 10 साल ‘‘अमृत काल’’ के बजाय ‘‘मौत काल’’ साबित हुए हैं। रमेश ने दावा किया कि लोग इस शासन को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठे हैं।

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