भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सांसद बनने के लिए BJP- Congress के दावेदार हो गए सक्रिय

  • जून में मप्र की तीन राज्यसभा सीट हो रही हैं खाली
  • एमजे अकबर, संपतिया उइके और विवेक तन्खा का जून में 6 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है.
  • 3 सीटों में से 2 सीट भाजपा और 1 सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है

भोपाल। मध्य प्रदेश कोटे की तीन राज्यसभा सीटें जून में खाली हो रही हैं। इन तीनों के लिए भाजपा और कांग्रेस में जोर आजमाइश शुरू हो गयी है। संख्या बल को देखते हुए दो सीट भाजपा और एक कांग्रेस के खाते में जाना तय है। ये तीन सीटें पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर, संपतिया उइके और विवेक तन्खा का कार्यकाल पूरा होने पर खाली हो रही हैं। जून में खाली हो रही मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस के अंदर हलचल तेज है। दावेदार कई हैं और सीट सिर्फ 3 हैं। एमजे अकबर, संपतिया उइके और विवेक तन्खा का जून में 6 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। जाहिर है पुराने के साथ नये दावेदार मैदान में हैं। 3 सीटों में से 2 सीट भाजपा और 1 सीट कांग्रेस के खाते में जाना तय है, लेकिन किसके भाग्य से छींका फूटेगा सारी रस्साकशी इसी के लिए है।


विदा होंगे अकबर, संपतिया और तन्खा
बात सबसे पहले भाजपा की। जून में राज्यसभा सदस्य एम जे अकबर और संपतिया उइके का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। भाजपा के अंदर इन 2 सीटों को लेकर मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक के नेताओं की नजर गड़ गई है। यह तय माना जा रहा है कि भाजपा के कोटे वाली सीट खाली होने पर पार्टी किसी नए चेहरे को मौका देकर राज्यसभा भेजेगी। इसके लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा जाएगा। सूत्रों के हवाले से खबर है कि भाजपा राज्यसभा की खाली होने वाली 2 सीटों पर एक एससी वर्ग और दूसरे ओबीसी चेहरे को मौका देने की तैयारी में है। भाजपा के अंदर मध्य प्रदेश के नेता भी इन 2 सीटों के लिए अभी से जमावट में जुट गए हैं। हालांकि जो नाम सामने हैं उसमें भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वर्ग के अध्यक्ष लाल सिंह आर्य का नाम भी शामिल है। इसके अलावा दूसरा नाम भाजपा प्रदेश महामंत्री और ओबीसी वर्ग से आने वाली कविता पाटीदार का नाम है। कविता पाटीदार मालवा अंचल से आती हैं। इसलिए पार्टी ओबीसी के साथ मालवा क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने के लिए कविता नाम के सहारे आगे बढ़ सकती है। हालांकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि राज्यसभा की 2 सीटों पर कौन सा चेहरा मध्य प्रदेश से संसद जाएगा।

कांग्रेस में एक अनार-सौ बीमार
भाजपा के बाद बात कांग्रेस की, राज्यसभा की उसके कोटे की एक सीट खाली होगी। कांग्रेस के अंदर एक अनार सौ बीमार जैसे हालात हैं। विवेक तन्खा दोबारा राज्यसभा सांसद बनने के लिए जोर लगा रहे हैं। वो हाल ही में दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से मिल चुके हैं। हालांकि उन पर जी 23 गुट का टैग लगा हुआ है। कमलनाथ के करीबी और कांग्रेस पार्टी के लिए कानूनी मामलों में मददगार साबित होने वाले विवेक तन्खा का दोबारा दांव लग पाता है यह कहना एकदम आसान नहीं है। क्योंकि प्रदेश के 2 बड़े नेताओं अजय सिंह और अरुण यादव की नजर भी राज्यसभा की एक खाली सीट पर है। राज्यसभा सांसद बनने के लिए इन दोनों नेताओं ने भी बीते दिनों दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की है। लेकिन पहले ही राज्यसभा में ठाकुर वर्ग से दिग्विजय सिंह सांसद हैं। ऐसे में अजय सिंह पर पार्टी दांव खेले कि यह मुश्किल है। कांग्रेस के कोटे से राजमणि पटेल ओबीसी वर्ग से राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में दूसरे ओबीसी नेता अरुण यादव को भी मौका मिल पाना मुश्किल नजर आ रहा है। पार्टी या तो विवेक तन्खा के नाम या फिर किसी नए चेहरे के सहारे राज्यसभा चुनाव में जा सकती है।

2023 का गुणा-भाग
जून में खाली हो रही इन तीन राज्यसभा सीटों के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक नेता जमावट में लगे हुए हैं। 3 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ऐसे चेहरों के सहारे राज्यसभा जाने की तैयारी में है जो उसे 2023 के चुनाव में फायदा पहुंचा सके। इसके लिए अभी से गुणा भाग लगाना भी तेज हो गया है। देखना यह होगा कि चुनाव में किसकी लॉटरी लगेगी और एमपी के कोटे से कौन राज्यसभा सांसद बनेगा।

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