- प्रशासन तय करे कि सवारी के साथ कौन चलेगा
उज्जैन। महाकाल की सवारियों में इन दिनों अवांछित झांकीबाज घुस आए और वे जबरन में पालकी के आगे चलते हैं और लोगों के जबरन हाथ जोड़ते हैं, इनमें कई छुटभैये नेता भी शामिल हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि महाकाल की सवारी में दिनोंदिन भीड़ बढ़ती जा रही है और भीड़ को संभालना भारी पड़ रहा है तथा सवारी में रस्सा रहता है जिससे आम श्रद्धालुओं को आगे नहीं जाने दिया जाता। लेकिन छुटभैये नेता इसमें घुस जाते हैं और जबरन में ही जनसंपर्क करते रहते हैं जबकि प्रशासन को यह निश्चित करना चाहिए कि इस घेरे में कौन घुसेगा और कौन सवारी के साथ चलेगा। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में जमकर फर्जीवाड़ा है और इसके चलते अव्यवस्था फैल जाती है।
कभी नियमित दर्शनार्थी तो कभी मानसेवी सदस्यों के नाम पर लोग घुसने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा कुछ इंदौरी पैसे वाले एवं अन्य लोग मंदिर में सहायता देकर या अन्न क्षेत्र में सहयोग कर चाहते हैं कि उनका नियमित पास बन जाए जिससे उन्हें परेशानी न हो और वह भीड़ तथा धक्कामुक्की से बच सके। कलेक्टर के पास ऐसे कई मामले आते हैं। यह उल्लेखनीय है कि सावन की सवारी में बढ़ती भीड़ के कारण व्यवस्था विफल हो रही है। ऐसे में रस्से के अंदर घुसने वाले फर्जियों केा भी बाहर करना चाहिए। कई लोग सोला पहनकर घुस जाते हैं और कई लोग माथे पर चंदन लपटकर और हाथ की बाहों पर भभूत लगाकर आ जाते हैं। जबकि ऐसे लोगों से पूछताछ होना चाहिए। भजन मंडलियों के लिए भी प्रोटोकाल तय होना चाहिए कि कितने सदस्य रहेंगे। कई भंगेड़ी भांग छानकर घुस जाते हैं और जबरन नाचते रहते हैं। इन सबसे महाकाल मंदिर की छवि खराब हो रही है और सवारी का स्वरूप भी बिगड़ रहा है।
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