उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News) मध्‍यप्रदेश

तर्पण करने की बात पर सुबह रामघाट पर विवाद

उज्जैन। आज से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों को पितृों के तर्पण के लिए रामघाट और सिद्धवट पर सोशल डिस्टेंस के नियमों पालन करते हुए अनुमति दी है। बावजूद इसके आज सुबह रामघाट पर बाहर से आए लोगों को पुलिस ने पितृों का तर्पण करने से रोका। विवाद की स्थिति भी बनी और बाद में एक व्यक्ति को नदी में जाकर तर्पण करने की अनुमति दी गई।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी त्यौहारों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ को रोकने के लिए सभी प्रकार के जुलूस, धार्मिक आयोजन, चल समारोह आदि पर रोक लगी हुई है। आज से श्राद्ध पक्ष भी आरंभ हो गया है, इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने एक दिन पहले गया कोठा तीर्थ पर श्राद्ध के तर्पण और पूजन पर रोक लगा दी। इसके पीछे तर्क दिया गया कि यहाँ मंदिरों और तालाब का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। ऐसे में श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों तक श्रद्धालु सिर्फ रामघाट और सिद्धवट पर ही श्राद्ध के पूजन और तर्पण कर सकेंगे। आज सुबह रामघाट पर उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब बाहर से आए कुछ लोगों ने अपने पितृ के 11वें का पूजन-अर्चन करने का प्रयास किया। पुलिस ने बाहर से आए लोगों को शिप्रा नदी में जाकर पिंडदान और तर्पण करने से रोका। इस पर लोगों के साथ-साथ पंडे पुजारियों ने भी आपत्ति जताई। पुलिसकर्मियों का कहना था कि सिर्फ एक व्यक्ति ही जाकर नदी में तर्पण करेगा। जबकि पुजारियों का कहना था कि मृत आत्मा का तर्पण तभी पूरा होता है जब उसके सभी परिजन मिलकर प्रक्रिया करते हैं। काफी देर तक इस पर विवाद चलता रहा और पुलिस द्वारा सिर्फ एक व्यक्ति को नदी में जाकर यह प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दी गई।

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