इन्दौर। संभावना है कि अप्रैल से मेडिकल स्टोर पर कोरोना वैक्सीन मिलने लगेगी। अभी देशभर में हेल्थ वर्कर को पहले चरण में सरकार की ओर से नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन लगाए जा रहे हैं, जिनमें भारत में ही निर्मित भारत बायोटेक की को-वैक्सीन के साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट में बनने वाली ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजैनिका की कोविशिल्ड फिलहाल लगाई जा रही है। जल्द ही भारत सरकार फाइजर-मार्डना के साथ रूस की वैक्सीन स्पूतनिक को भी मंजूरी दे देगी।
अभी जो परिणाम रूस की वैक्सीन के संबंध में मिले हैं उसके मुताबिक स्पूतनिक वी के तीसरे चरण की टेस्टिंग में 91.6 प्रतिशत तक यह वैक्सीन प्रभावी पाई गई है। दरअसल, सबसे पहले रूस ने ही कोरोना वैक्सीन ईजाद की, लेकिन तब उसकी आलोचना भी की गई कि पूरे परीक्षण से पहले ही वैक्सीन को लॉन्च कर दिया गया गया, लेकिन अब डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी भारत में इसका उत्पादन कर सकती है। वहीं 10 करोड़ से अधिक डोज कोविशिल्ड की भी सीरम के पास तैयार है। वहीं भारत बायोटेक भी तेजी से को-वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। वहीं देशभर में लगभग 40 लाख हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लग चुकी है और कहीं बड़े दुष्परिणाम सामने नहीं आए, जिसके चलते उम्मीद है कि निजी बाजार में अप्रैल तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाए। यानी कोई भी व्यक्ति मेडिकल स्टोर से खरीदकर वैक्सीन लगा सकेगा।
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