वॉशिंगटन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने एक रिकवरी ट्रायल में पाया है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज से ऐसे मरीजों की जान बचाई जा सकती है, जिनमें कोरोना संक्रमित होने के बाद एंटीबॉडीज नहीं बनती. ट्रायल रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने ऐसा कॉकटेल तैयार किया है, जो उन मरीजों में मौत के मामलों को कम कर सकता है, जिनमें कोविड एंटीबॉडीज बिल्कुल नहीं हैं. ये कॉकटेल मैनमेड एंटीबॉडीज से तैयार किया गया है, जो मौत के मामलों को काफी हद तक कम कर सकता है. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, ये एक रिकवरी ट्रायल था. जिसमें कई मरीजों को स्टडी में शामिल किया गया.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस शोध की मानें तो वैज्ञानिकों को अब ऐसी तीसरी दवा मिल गई है, जिसकी मदद से मरीज अस्पताल में रिकवर हो सकते हैं, साथ ही वैज्ञानिकों का ये भी दावा है कि ये एकमात्र ऐसी दवा है, जो सीधे वायरस से लड़ने में कारगर होगी. आमतौर पर दवाएं कोविड होने के बाद के स्टेजेस में शरीर में होने वाली इन्फ्लेमेशन से लड़ती हैं और उस पर असर करती हैं.
रिकवरी ट्रायल के जॉइंट चीफ इंवेस्टिगेटर प्रोफेसर सर पीटर हॉर्बी ने कहा कि ये बहुत अहम है कि ऐसे मामलों में हम एंटीवायरल ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं. ऐसे मरीजों की इलाज के बिना मौत हो जाती है, जिनमें एंटीबॉडीज नहीं बनते और हम उनमें इस जोखिम को कम कर सकते हैं, ऐसे मरीजों को बचा सकते हैं. Share: