इंदौर न्यूज़ (Indore News)

29 गांवों में ही निगम को मिलेंगी सबसे अधिक सम्पत्तियां

  • सम्पदा प्रकोष्ठ ने सम्पत्तियों की ढुंढाई के लिए किया दलों का गठन…

इंदौर। नगर निगम पहली बार अपनी सीमा में मौजूद सम्पत्तियों का रिकॉर्ड व्यवस्थित कर रहा है, जिसके चलते आयुक्त ने जहां सम्पदा प्रकोष्ठ का गठन करवाया, वहीं अपर आयुक्त को सम्पदा अधीक्षक व नियंत्रण का जिम्मा सौंपा। वहीं एक फॉर्मेट बनाकर सभी विभाग प्रमुखों और सभी 19 झोनल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थित अचल सम्पत्तियों की जानकारी तैयार कर सम्पदा प्रकोष्ठ को उपलब्ध करवाएं। इसके लिए दलों का गठन भी किया गया है। 29 गांव जो निगम सीमा में शामिल किए गए वहीं पर सर्वाधिक सम्पत्तियां निगम को मिलने की उम्मीद भी है। वहीं उद्यान्नों का भी लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा, क्योंकि पिछले वर्षों में जो नई कालोनियां-टाउनशिप विकसित हुई उनमें भी उद्यान्नों की जमीन निगम आधिपत्य की ही है, जो अभी तक निगम के रिकॉर्ड में शामिल नहीं हो सकी है।



नगर निगम के पास 4 हजार से अधिक लीज की सम्पत्तियां भी हैं जो नगर सुधार न्यास ने आबंटित की थी और फिर निगम के क्षेत्र में आ गई। इसके अलावा निगम के खुद के मार्केट, सभी कालोनियों में उद्यान्न की जमीनों के अलावा कम्युनिटी हॉल, ग्रीन बेल्ट, झोनल कार्यालय और अन्य खुली जमीनें शामिल हैं। वैसे तो नगर निगम ने सालों पहले नजुल की शहर में मौजूद जमीनों को भी शासन-प्रशासन से मांगा था, मगर सुप्रीम कोर्ट से हुए निर्णय के चलते जिसमें नजुल जमीनें सरकारी बताई गई, निगम को इन जमीनों का कब्जा नहीं मिल सका। अब अपनी सभी बिखरी सम्पत्तियों को रिकॉर्ड पर लाने के लिए निगम ने सम्पदा प्रकोष्ठ का पहली बार गठन किया है। निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल के मुताबिक झोनवार निगम की कई सम्पत्तियां, जिनमें खुली जमीन, कम्युनिटी हाल, ग्रीन बेल्ट, लीज के साथ उद्यान्नों की जमीनें भी हैं, जिन पर अवैध निर्माण, कब्जे भी होते रहे हैं। लिहाजा झोनवार इन सभी परिसम्पत्तियों का चिन्हांकन करते हुए व्यवस्थित रिकार्ड संधारित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके चलते अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर को इस सम्पदा प्रकोष्ठ का अधीक्षक व नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी विभाग प्रमुखों और 19 झोनल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी एक हफ्ते में अपर आयुक्त सम्पदा को अपने-अपने क्षेत्र में स्थित निगम की परिसम्पत्तियों की हार्ड और सॉफ्ट कॉपी तैयार कर उपलब्ध करवाएं। इसके लिए एक फॉर्मेट भी तय किया गया है, जिसमें झोन क्रमांक, वार्ड क्रमांक, अचल सम्पत्ति का सम्पूर्ण विवरण, खसरा नम्बर, क्षेत्रफल कितना निर्मित है और कितना मौके पर खुला उपलब्ध है के साथ-साथ मास्टर प्लान में उस जमीन का उपयोग क्या है और कोई विवाद तो नहीं चल रहा है। अगर कोई कानूनी अड़़चन या कोर्ट का स्टे है तो उसे भी समय सीमा में खारिज कराया जाए। वहीं श्री राजनगांवकर ने बताया कि झोनवार सम्पत्तियों की जानकारी लेने के लिए दल का गठन भी किया गया है, जिसके प्रभारी कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र जमींदार, सहायक यंत्री प्रकाश नागर और उपयंत्री सत्येन्द्र राजपूत आदि को इसमें लिया गया है।

 

Share:

Next Post

करगिल युद्ध जीता पर एक काम नहीं कर पाए, जानें क्‍या चाहते थे आर्मी चीफ रहे जनरल वीपी मलिक

Mon Jul 26 , 2021
नई दिल्ली। साल 1999 की गर्मियों में जब करगिल युद्ध(Kargil War) छिड़ा था तब जनरल वीपी मलिक भारत के सैन्य प्रमुख (Former Army Chief General VP Malik) थे। जनरल वीपी मलिक (General VP Malik) मानते हैं कि इसने भारत(India) और पाकिस्तान(Pakistan) के बीच रिश्ते को एकदम बदलकर रख दिया। हालांकि, इस युद्ध में भारतीय सेना […]