इंदौर न्यूज़ (Indore News)

15 साल में न जमीन बेच पाए और न किया मिलों को फिर से चालू

अग्निबाण लगातार मिलों की जमीनों के घोटालों को करता रहा उजागर, स्वदेशी मिल की जमीन बिकवाने में इन्दौर-भोपाल के नेता-अफसर रहे शामिल

इंदौर। दो मिलों की करोड़ों रुपये मूल्य की बेशकीमती जमीनों के संबंध में प्रशासन ने महत्वपूर्ण आदेश पारित किए है। मालवा मिल और कल्याण मिल की 92 एकड़ जमीन शासन के पक्ष में ले ली है, जबकि यह जमीनें अब तक नेशनल टेक्सटाइल के अधीन रही। प्रशासन ने इन मिलों की जमीनों की लीज निरस्त कर प्रदेश शासन ने दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है। अब शासन-प्रशासन इन जमीनों पर शहरहित में महत्पूर्ण प्रोजेक्टों को तैयार कर अमला में लाएगा।


कलेक्टर डा. इलैया राजा टी ने बताया कि इन्दौर स्थित नेशनल टेक्सटाइल मिलों की जमीनों के विक्रय के संबंध में  प्रदेश शासन ने वर्ष 2003 और 2007 में दिशा-निर्देश दिए थे, जिसके चलते केवल स्वदेशी मिल की 15.32 एकड़ जमीन विक्रय हो सकी, जबकि मालवा मिल और कल्याण मिल की जमीन का विक्रय नहीं किया जा सका और ना ही इन बंद पड़ी मिलों का आधुनिकीकरण कर उन्हें पुन: चालू किया गया। यानी वर्षों से शहर में मौजूद 92 एकड़ से अधिक जमीन अनुपयोगी पड़ी रही। इसके चलते पिछले दिनों कलेक्टर ने इस पूरे मामले की समीक्षा करते हुए शासन को एक प्रतिवेदन भी भेजा। इसके पश्चात शासन ने गत वर्ष दिसम्बर में नेशनल टेक्सटाइल की इन्दौर स्थित मिलों की जमीनों की लीज निरस्त कर शासन में दर्ज करने के निर्देश दिए। नतीजतन शासन के उक्त निर्देशों के चलते कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. ने अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा को इस मामले में आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए। नतीजतन कल शर्मा ने दो पृथक-पृथक स्पीकिंग आर्डर पारित करते हुए मालवा मिल की 60.09 एकड़ और कल्याण मिल की 32.04 एकड़, इस तरह कुल 92 एकड़ से अधिक जमीनों की लीज निरस्ती करते हुए उसे पुन: मध्यप्रदेश शासन के पक्ष में घोषित कर दी। उल्लेखनीय है कि अग्निबाण लगातार मिलों की जमीनों के घोटालों को उजागर करता रहा और स्वदेशी की जो 15.62 एकड़ जमीन एनटीसी ने 2007 में सौफिया रियल एस्टेट उर्फ इंडिया बुल्स को बेची थी, उसका भी खुलासा किया, जहां परवर्तामन में कल्पतरू के नाम से विशाल व्यावसायिक आवासीय इमारत बन गई है।

आज हाईकोर्ट में कैविएट दायर करेगा प्रशासन

नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन यानी एनटीसी के खिलाफ प्रशासन ने  कल दो महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए 92 एकड़ जमीन वापस ले ली है उसे अदालती चुनौती दी जाएगी। लिहाजा आज हाईकोर्ट में प्रशासन कैविएट भी दायर करेगा।  कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. ने केविएट दायर करने की पुष्टि करते हुए बताया कि चूंकि दोनों जमीनों के मामले अत्यंत महत्वपूर्ण और शहर हित में इन अनुपयोगी पड़ी जमीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। लिहाजा कैवियर दायर करने के साथ-साथ इन जमीनों के महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों  को भी तैयार कराया जा रहा है।

25 एकड़़ जमीन प्राधिकरण को भी 15 साल पहले दे दी थी

मालवा मिल की 25 एकड़ जमीन इन्दौर विकास प्राधिकरण को 2008 में  कन्वेंशन सेंटर निर्माण के लिए दी गई थी। हालांकि प्राधिकरण अभी तक इस जमीन का उपयोग नहीं कर पाया, वहीं प्रशासन ने कल जो आदेश पारित किया, उसमें यह 25 एकड़ जमीन प्राधिकरण को ही देना बताई है और शेष 60 एकड़ जमीन की लीज निरस्त की है।

24 घंटे में 431 सीमांकन के निपटा दिए प्रकरण भी

प्रशासन ने 24 घंटे में ही 431 सीमांकन के प्रकरण निपटा दिए। सभी राजस्व निरीक्षक और पटवारी खेत-खलिहानों में ही नजर आए। अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने बताया कि महू तहसील में 106, मल्हारगंज में 34, सांवेर में 62, हातोद में 45, खुड़ैल में 32, बिचौली हप्सी में 22, जूनी इंदौर में 11, देपालपुर मं 62, कनाडिय़ा में 32 और राऊ तहसील में 25 सीमांकन किए गए।

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