भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

गौ अभ्यारण्य बीमार, विकलांग और बुजुर्ग गायों का आशियाना

  • गायों की स्थिति पर हुई जांच रिपोर्ट आई सरकार के पास

भोपाल। देश के पहले गौ अभयारण्य में गायों की स्थिति और उनकी मौत को लेकर कराई गई जांच की रिपोर्ट सरकार के पास आ गई है। ये जांच जिला प्रशासन ने की थी। इस जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि सालरिया के गौ अभयारण्य में छह हजार गाय रखे जाने की क्षमता है, अभी इसमें चार हजार गायों का व्यवस्थापन किया जा रहा है। अभयारण्य की मूल भावना के अनुसार यहां निशक्त,बेसहारा और बीमार गायों को आश्रय दिया जाता है। यह गौवंश बीमार,बुजुर्ग और पॉलीथिन खाया हुआ रहता है। यहां पर एक साल तक के भुसे का भंडारण रहता है। यानी जांच में इस बात की ओर संकेत किया गया है कि गायों की मौत की वजह बीमारी और उनकी पूरी हो चुकी उम्र रहती है।

निजी हाथों में जा सकता है गौ अभयारण्य
गौ अभयारण्य को निजी संस्था को सौंपने पर भी विचार चल रहा है। सरकार अपनी ओर से गौ संरक्षण और संवद्र्धन के लिए अनुदान और अन्य सहायता देगी लेकिन इसका संचालन गौसेवा के प्रति समर्पित संस्थाएं कर सकती हैं। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में भी रखा जा सकता है।

गौ अभयारण्य में गायों की मौत की दर
2018 में यहां पर गायों की मौत की सालाना दर 14.75 प्रतिशत और मासिक 1.22 फीसदी थी। 2019 में सालाना दर 14.60 और मासिक दर 1.21 थी। 2020 में नवंबर तक की स्थिति में सालाना दर 13.25 और मासिक दर 1.10 है। ये मृत्युदर गौशाला की सामान्य मृत्युदर सालाना 15 प्रतिशत और मासिक 1.25 दर से कम मानी जा रही है।

सरकार ने गायों की चिंता करने के लिए ही गौ कैबिनेट बनाई है। गौ अभयारण्य को अच्छे लोगों के हाथों में देने पर विचार किया जा रहा है, इसको साधु-संतों को भी दिया जा सकता है।
प्रेमसिंह पटेल पशुपालन मंत्री

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