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कोविन पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित, सरकार ने डेटा लीक पर दी सफाई

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कोविन पोर्टल डेटा लीक को लेकर सफाई दी है. सरकार का कहना है कि कोविन पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित है, और डेटा की सिक्योरिटी के लिए कई तरह का इंतजाम किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स में डेटा लीक के दावों पर सरकार ने कहा कि ऐसा शरारत के तौर पर किया गया है. सरकार के मुताबिक, बिना किसी ठोस सबूत के कोविड वैक्सीन के बेनिफिशयरी का डेटा लीक होने के दावे किए गए.

केंद्र ने कहा कि ट्विटर पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया कि एक टेलीग्राम बॉट से कोविन का डेटा लीक किया गया है. ऐसा क्लेम किया गया कि वैक्सीन ले चुके नागरिकों की पर्सनल डिटेल इस टेलीग्राम बॉट पर रहीं. इनमें नागरिकों का नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर जैसी पर्सनल डिटेल्स लीक होने का दावा किया गया था.

बिना OTP के नहीं निकलेगी डिटेल

ट्विटर पोस्ट्स पर दावा किया गया कि केवल मोबाइल नंबर लिखकर किसी भी नागरिक की डिटेल देखी जा सकती है. हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री ने साफ किया कि कोविन पोर्टल पर मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन होता है. रजिस्टर्ड नंबर पर आए ओटीपी को दर्ज किए बिना यूजर्स की पर्सनल डिटेल नहीं देखी जा सकती हैं.


कोविन पोर्टल की सिक्योरिटी के लिए तगड़ा इंतजाम

हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि कोविन पोर्टल पर लोगों का डेटा सुरक्षित रखने के लिए कड़े इंतजाम किया जाते हैं. वेब एप्लिकेशन फायरवॉल के साथ एंटी-DDoS, SSL/TLS, सेंधमारी का पता लगाने के लिए रेगुलर असेसमेंट, आइडेंटिटी और एक्सेस मैनेजमेंट आदि के जरिए कोविन के डेटा को सिक्योर रखा जाता है.

केवल ओटीपी के जरिए डेटा प्रदान किया जाता है. सरकार ने कहा कि कोविन पोर्टल के डेटा की पुख्ता सिक्योरिटी के लिए सभी कदम उठाए जाते हैं.

CERT-In करेगी जांच

हेल्थ मिनिस्ट्री ने इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) से मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. इसके अलावा मिनिस्ट्री कोविन के मौजूदा सिक्योरिटी इंतजाम की समीक्षा करेगी.

फिलहाल तीन तरीकों- बेनिफिशियरी डैशबोर्ड, कोविन ऑथोराइज्ड यूजर और API बेस्ड एक्सेस के जरिए कोविन का डेटा निकाला जा सकता है. COWIN की डेवलपमेंट टीम ने कंफर्म किया कि ऐसा कोई भी पब्लिक API नहीं है जहां बिना ओटीपी डाले जानकारी निकल आए.

टेलीग्राम बोट पर लोगों का डेटा शेयर नहीं किया जा सकता है. वैक्सीनेशन के दौरान एडल्ट्स का केवल जन्म का वर्ष दर्ज किया गया. हालांकि, मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि बोट पर पूरी जन्मतिथि दिखी है.

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