खरगोन । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) जिले में रामनवमी के दिन भड़की हिंसा के बाद लगाया गया कर्फ्यू (Curfew) चौथे दिन (Fourth Day) भी जारी है (Continues), वहीं लोग दहशत में हैं (People Panic) और कई इलाकों से पलायन (Migration from Many Areas) की खबर भी सामने आ रही हैं, जबकि प्रशासन लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिला रहा है ।
खरगोन में रामनवमी के दिन निकल रहे जुलूस में डीजे बजाए जाने को लेकर हुए विवाद के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी और जमकर पत्थरबाजी हुई पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े तो वहीं पेट्रोल पंप का भी भरपूर उपयोग किया गया। कई घरों और दुकानों में भी आग लगा दी गई। हालात बिगड़े तो कर्फ्यू लगा दिया गया।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 100 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं दंगाइयों की संपत्ति को जमींदोज किया जा रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर चार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी 15 डीएसपी सहित आर ए एफ की कंपनी और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।हिंसा के बाद लगाया गया कर्फ्यू बुधवार को चौथे दिन भी जारी है। कई क्षेत्रों के लोग अब भी दहशत में हैं और वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि रामनवमी की रात को उनके घरों पर पथराव हुआ था और पेट्रोल पंप तक फेंके गए थे। वह रात अब भी उन्हें डराती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई परिवार और लोग अपना घर मकान छोड़कर पलायन करने की तैयारी में हैं और एक मकान पर तो जो त्रिवेणी चौक इलाके में आता है वहां यह लिखा नजर आ रहा है कि यह मकान बिकाऊ है। इस मामले में जब जिलाधिकारी अनुग्रह पी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, पलायन की बात पूरी तरह अफवाह है। पलायन की जो बात आ रही है उसकी पुष्टि के लिए वे स्वयं कुछ इलाकों में पहुंची तो लोगों ने कहा कि आखिर वे अपना घर छोड़कर क्यों जाएंगे?
दारुल कजा और दारुल इफ्ता ने पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन भेजकर कहा है, “पुलिस और दंगाइयों द्वारा मुस्लिम समाज को निशाना बनाकर उनके घरों मकान दुकान को तोड़ा और जलाया गया है, वहीं बेकसूर लोगों को जेल में ठूंसा गया, प्रशासन द्वारा बिना जांच मुस्लिम समाज के कई और दुकानें तोड़ी गइर्ं, जिस पर 100 परिवारों को खरगोन से पलायन करना पड़ा है, यह मुस्लिम समाज के खिलाफ जुल्म है और कानून का खुला उल्लंघन।”
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