मुंबई (Mumbai)। इंटरनेट की दुनिया में सोशल मीडिया (social media defake technology) में इस समय एक्टर से लेकर सचिन तेंदुलकर अब डीफफेक टेक्नोलॉजी (deepfake technology) का शिकार हो गए हैं. दरअसल, सचिन तेंदुलकर के सामने एक वीडियो आया. इसके बाद उन्होंने इस वीडियो को शेयर किया और इसे निराशाजनक बताया. उन्होंने बताया कि यह वीडियो फेक है और लोगों को धोखा देने के लिए तैयार किया है. टेक्नोलॉजी का इस तरह से उपयोग निराशाजनक है. यह वीडियो एक गेम को प्रमोट कर रही थी.
डीपफेक का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले अभिनेत्री रश्मिका मंदाना भी एक डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुकी हैं. यह मामला काफी चर्चा में भी रहा है और पुलिस ने इस संबंध में कई लोगों की गिरफ्तारी भी की थी. अब सवाल आता है कि Deepfake वीडियो क्या हैं और इसको कैसे पहचानें?
Deepfake की फेक वीडियो कैसे पहचानें?
फेशियल एक्सप्रेशन पर दें ध्यान: Deepfake के अधिकतर वीडियो को फ्रेम वाइज ध्यान से देखने पर आपको कुछ फायदा मिल सकता है. डीपफेक वीडियो में अगर कोई व्यक्ति दिख रहा है, तो उसके गाल और फोरहेड को ध्यान से देखें.
Deepfake में पलकों पर भी दें ध्यान
Deepfake वीडियो को पहचानने के लिए जरूरी है कि आंखों पर ध्यान दें. डीपफेक के वीडियो में या तो आंखों की पलके झपकती नहीं है या फिर तेजी से झपकती हुई नजर आती हैं. यह नॉर्मल इंसान की तरह नहीं झपकती हैं.
लिंक सिंक करें चेक
कई Deepfake वीडियो को पकड़ने के लिए लिप सिंक का यूज़ कर सकते हैं. इसके लिए वीडियो को स्लो स्पीड में करके प्ले करें. इस दौरान होंट को बारीकी से देखेंगे तो पता चलेगा कि वह ऑडियो से मेल नहीं खा रहे हैं.