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दिल्ली हिंसा की रणनीति 14-15 दिन पहले की गई थी तैयार

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली से करीब 14-15 दिन पहले दिल्ली में घुसकर हिंसात्मक तरीके से अपनी बात रखने की रणनीति तैयार कर ली गई थी। इस बात का खुलासा दीप सिद्धू ने किया। उसका कहना है कि आंदोलन से जुड़ा एक बड़ा तबका इसके पक्ष में था और इसके लिए रणनीति तैयार कर रहा था। आंदोलन से जुड़े किसान लोगों के माइंड से खेला जा रहा था और उन्हें बरगलाया जा रहा था।

सूत्रों के मुताबिक दीप सिद्धू ने यह भी खुलासा किया है कि आंदोलन स्थलों पर बैठे सभी किसान नेताओं को भी पता था कि उग्र विचारधारा वाले लोग दिल्ली के अंदर ही ट्रैक्टर रैली निकालेंगे लेकिन इन्हें रोकने के लिए किसान नेताओं की तरफ से कुछ नहीं किया गया। जब भीड़ लाल किला की ओर जा रही थी, तो वह भी भीड़ के साथ चल दिया और लाल किला पहुंच गया।


पुलिस सूत्रों की मानें तो दीप सिद्धू ने खुलासा करते हुए बताया है कि वह 25 नवंबर को ही सिंघु बॉर्डर आ गया था। हिंसा वाले दिन वह 11:00 बजे अपने तीन साथियों के साथ लाल किला पहुंचा था। वह गाड़ी से अलग-अलग रास्तों से होते हुए लाल किला पहुंचा था। उसने खुलासा किया है कि उसके पास लाल किला जाने के लिए फोन आ रहे थे। गणतंत्र दिवस पर लाल किला और दिल्ली के अंदर जो कुछ हुआ उसकी पटकथा करीब 14-15 दिन पहले ही लिख ली गई थी। किसानों को दिल्ली में इंडिया गेट और लाल किला में ट्रैक्टर रैली के लिए बोला जा रहा था। किसान नेताओं को भी इसकी पूरी जानकारी थी। पुलिस सूत्रों की माने तो दिल्ली में हिंसा के लिए उक्साने वाले कई नेताओं के नाम दीन सिद्धू ने बताए हैं। पुलिस इनके खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है। जल्द ही देश की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ करने वाले इन किसान नेताओं के चेहरों से पर्दा उठाएगा। उधर सूत्रों की माने तो दी

लाल किला हिंसा में शामिल होने के पुख्ता सबूत
पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू पूछताछ के दौरान खुद को कितना ही बेकसूर बता ले और हिंसा का ठीकरा दूसरों पर फोड़ ले, मगर लाल किला हिंसा के मामले से वह नहीं बच सकता। पुलिस सूत्रों की मानें तो दीप सिद्धू के खिलाफ पुलिस के पास लाल किला हिंसा से जुड़े जोने के पुख्ता सबूत हैं। वह न सिर्फ लाल किला पर मौजूद ‌था, बल्कि लोगों को उक्साया भी। इतना ही नहीं लाल किला पर धार्मिक झंडा फहराते वक्त उसने एफबी पर लाइव भी किया था।

इकबाल सिंह से विदेशी फंडिंग की जांच
इकबाल सिंह भी लाल किला हिंसा का मुख्य आरोपी है। उसने लाल किला पर भीड़ को हिंसा के लिए उक्साया था। इकबाल सिंह को भी पुलिस ने चाणक्यपुरी स्थित क्राइम ब्रांच के इंटरस्टेट सेल में रखा है। इसके खिलाफ पुलिस के पास हिंसा से जुड़े होने के पुख्ता सबूत हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने जब इकबाल सिंह का कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया तो वहां दो बातें प्रमुख रूप से रखी थीं। जिसमें बताया गया था कि इकबाल सिंह ने लाल किला पर हिंसा के लिए लोगों को उकसाया। पुलिस को लाल किला हिंसा से संबंधित सौ से अधिक वीडियो मिले हैं। कई वीडियो में खुद इकबाल सिंह कैद है। आरोपियों की पहचान और तफ्तीश के लिए इकबाल सिंह से पूछताछ करनी है। लाल किला पर हिंसा के दौरान 140 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। दूसरी महत्वपूर्ण बात इकबाल सिंह से विदेशी फंडिंग के संबंध में पूछताछ करनी है। बताया जा रहा है कि उसे विदेशी फंडी के बारे में जानकारी है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने दीप सिद्धू और इकबाल सिंह से आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की। गुरुवार को भी क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और डीसीपी मोनिका भारद्वाज भी आरोपितों से पूछताछ के लिए पहुंचे थे।

हिंसा के बाद सिंघु बॉर्डर फिर गाजीपुर गया था सुखदेव
लाल किला हिंसा के मुख्य आरोपित सुखदेव को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। फिलहाल वह न्यायीक हिरासत में है। सूत्रों की माने तो सुखदेव हिंसा वाले दिन सिंघु बॉर्डर से लाल किला पहुंचा था। वह करीब 11:00 बजे तक लाल किला परिसर में मौजूद रहा। वापस फिर वह सिंघु बॉर्डर पहुंचा। जिसके बाद वह दो फरवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन स्थल पर गया था। जिसके बाद वह पंजाब चला गया। पंजाब में वह छह फरवरी को किसानों के चक्काजाम आंदोलन में भी शामिल हुआ था। दीप सिद्धू, इकबाल सिंह और सुखदेव की आमने सामने बैठाकर भी पूछताछ कर सकती है। इसके लिए पुलिस कोर्ट से सुखदेव का पुलिस रिमांड मांग सकती है। पुलिस को उससे अभी बहुत कुछ पूछताना है। क्योंकि वह लोगों के बीच किसान नेता बनकर घुम रहा था।

लोगों को बरगला रहा गैंगस्टर लक्खा सिधाना
दिल्ली पुलिस ने लक्खा सिधाना की तलाश तेज कर दी है। लाल किला हिंसा के बाद से ही वह फरार है। हिंसा में शामिल सुखदेव, दीप सिद्धू और इकबाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद लक्खा सिधाना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर लोगों को बरगलाने की कोशिश की है। वीडियो के माध्यम से उसने लोगों को दिल्ली हिंसा में गिरफ्तार हो रहे लोगों के समर्थन में एक जुट होने की मांग की है और इन गिरफ्तारियां का विरोध करने के लिए कहा है। उसने कहा है कि अब सरकार से तभी बात होगी जब किसानों पर दिल्ली में दर्ज मुकदमें वापस होंगे। यहां बता दें कि दिल्ली पुलिस की करीब एक दर्जन टीमें अभी भी लगातार पंजाब और हरियाणा में हिंसा में शामिल आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। पुलिस को कई मुख्य आरोपियों के यहां छिपे होने की पुख्ता सूचनाएं मिली हैं। दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया है कि हिंसा में शामिल लोगों को जो भी संरक्षण देगा उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक अपराधी को छुपाने वाले अब भी अपराधी है। (एजेंसी, हि.स.)

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