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अतीक-अशरफ की हत्‍या समेत 183 मुठभेड़ की जांच की उठी मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नई दिल्‍ली (New Delhi) । यूपी (UP) के प्रयागराज (Prayagraj) में पुलिस हिरासत में हुई माफिया-नेता अतीक (Atiq) और उसके भाई अशरफ (ashraf) की हत्या के मामले में रविवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई। याचिका में इस हत्याकांड की जांच (investigation) के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की भी जांच की मांग की गई है।

उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ने शुक्रवार को कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के छह वर्षों में 183 अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। इनमें असद और उसका साथी शामिल हैं। याचिका में अतीक की हत्या का जिक्र करते हुए कहा गया कि पुलिस द्वारा इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है।

बाइक सवार बदमाशों ने की थी माफिया अतीक और अशरफ की हत्या
पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए शनिवार देर रात प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडियाकर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में दोनों को आनन-फानन स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौके से दो पिस्टल व छह खोखे मिले हैं। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण कांड में एमपीएमएलए अदालत ने अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक अहमद पर सौ से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।


अतीक-अशरफ के साथ एक इंस्पेक्टर, सात दरोगा व 13 सिपाही थे मौजूद
कॉल्विन अस्पताल में हुए शूटआउट के दौरान जिला पुलिस के 20 जवानों पर तीन शूटर भारी पड़े। वारदात के दौरान घटनास्थल पर अतीक व अशरफ के साथ एक इंस्पेक्टर, सात दरोगा व 13 सिपाही-दीवान मौजूद थे। अतीक व अशरफ को लेकर धूमनगंज थाने से लेकर पुलिस टीम रात 10.19 मिनट पर बाहर निकली। लगभग 15 मिनट बाद टीम कॉल्विन अस्पताल के बाहर पहुंच चुकी थी। इस टीम का नेतृत्व धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर और उमेशपाल हत्याकांड के विवेचक राजेश कुमार मौर्य कर रहे थे।

तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति का गठन
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के संबंध में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति का गठन किया गया है। समिति दो महीने में सरकार को रिपोर्ट देगी। समिति की अध्यक्षता इलाहाबाद एचसी के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे, जिसमें सेवानिवृत्त आईपीसी अधिकारी सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं।

अतीक और अशरफ हत्याकांड में एफआईआर दर्ज
अतीक और अशरफ हत्याकांड में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307 के तहत एफआईआर दर्ज की है। आर्म्स एक्ट की धारा 3,7, 25, 27 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। अतीक और अशरफ को मारने वाले आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी है। आरोपियों ने पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी दी हैं। आरोपियों का कहना है कि हम अतीक गैंग का सफाया करना चाहते थे। हम प्रदेश में अपना नाम कमाना चाहते हैं। दोनों को मारने के लिए हम पत्रकार बनकर आए थे। हम हत्या करके भाग नहीं पाए।

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