भोपाल. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस (MPCC) में असंतोष पनप रहा है. 2023 के विधानसभा चुनाव (2023 Assembly Elections) से पहले यह लावा धधक सकता है. प्रदेश कांग्रेस के 3 बड़े और कुछ समय से प्रदेश नेतृत्व से नाराज चल रहे नेता पिछले 4 दिन में दिल्ली दौरा कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमल नाथ की गैर मौजूदगी में हुई इन मुलाकातों के सियासी मायने और संकेत काफी गहरे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) में क्या सब कुछ ठीक-ठाक है. यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की गैर मौजूदगी में एमपी से जुड़े 3 बड़े नेताओं ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की है. कांग्रेस पार्टी में इस समय हाशिए पर चल रहे अरुण यादव, अजय सिंह और जी 23 गुट के नेता विवेक तन्खा ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (President Sonia Gandhi) से मुलाकात की है. इन मुलाकातों के बाद अटकलों का बाजार गर्म है.
3 असंतुष्ट नेताओं की मुलाकात
प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट है. पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल गिर गया है. पार्टी ने हार के लिए प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांग लिया था. अब पार्टी की नजर आगामी चुनाव वाले राज्यों पर है. चुनावी राज्यों में खुद को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है. इस लिहाज से मध्य प्रदेश पर भी कांग्रेस हाईकमान की नजर है. लंबे समय से एमपी कांग्रेस की कमान कमलनाथ के हाथों में है. वो नेता प्रतिपक्ष भी हैं. ऐसे में 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट तेज है. 3 बड़े नेताओं की दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि पार्टी का कहना है कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक है. प्रदेश के नेताओं की केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात होती रहती है. ये कोई नयी बात नहीं है. 2023 का विधानसभा चुनाव (Assembly elections) कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.
बड़े बदलाव का संकेत
बहराल एमपी में हाशिए पर चल रहे कांग्रेस नेता अरुण यादव(Arun Yadav), अजय सिंह के सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद क्या कांग्रेस संगठन में कोई बड़ा बदलाव होगा या फिर इन दोनों नेताओं के हाईकमान को दिए गए फीडबैक के बाद पार्टी कोई फैसला लेती है. इस पर अब सबकी नजरें होंगी. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि 2023 के चुनाव से पहले बीजेपी के मुकाबले में कमजोर संगठन से जूझ रही कांग्रेस में आने वाले दिनों में कोई बड़ा बदलाव जरूर होगा.