नई दिल्ली । कर्नाटक (Karnataka) की कांग्रेस सरकार (Congress Government) में अगले मुख्यमंत्री Chief Minister() को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, अब तक पार्टी या किसी नेता ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। इसी बीच खबरें हैं कि राज्य सरकार में मंत्री आरबी टिम्मापुर (Minister RB Timmapur) ने भी सीएम बनने की इच्छा जाहिर कर दी है। खास बात है कि ये घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहे हैं, जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) लगभग आधा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। 2023 में चुनाव जीतने के बाद राज्य में कथित तौर पर ढाई साल बाद सीएम बदलना तय हुआ था।
टिम्मापुर ने कहा, ‘दलित को क्यों मुख्यमंत्री पद नहीं दिया जाना चाहिए? मुझे सीएम क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए?’ खास बात है कि राज्य सरकार में दलित नेता कई अहम पदों पर रहे, लेकिन अब तक कोई भी सीएम नहीं रहा है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद की रेस में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सबसे प्रबल दावेदार हैं। दरअसल, 2023 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कहा जा रहा था कि शिवकुमार सीएम पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के नेताओं का कहना है कि अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए सिद्धारमैया रणनीतिक रुख अपना रहे हैं। एक नेता ने कहा, ‘यह खुला राज है कि वह दलित मुख्यमंत्री के आसपास चर्चाएं बढ़ा रहे हैं, ताकि पार्टी के अंदर विरोध को कम किया जा सके। खासतौर से ऐसे समय पर जब उनका आधा कार्यकाल पूरा रहो रहा है। हालांकि, उनकी इस रणनीति का खासतौर से शिवकुमार कैंप विरोध कर रहा है।’
मामले के जानकार लोगों का कहना है कि दलित नेता पर सहमति बनाने के लिए एससी एसटी विधायकों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के दखल के बाद इसे रद्द कर दिया गया। कथित तौर पर शिवकुमार के कहने पर हस्तक्षेप किया गया था। जी परमेश्वरा का कहना है, ‘जैसा कि दिखाया जा रहा कि इसे कैंसिल कर दिया गया है। ऐसा नहीं है, सिर्फ टाला गया है।’
उन्होंने कहा, ‘कोई भी बैठक को नहीं रोक सकता है। अगर कोई भी कहता है कि वे दलित मुद्दों पर बात करने के लिए बैठक बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो हम उन्हें करारा जवाबदेंगे। हमारे पास क्षमता और ताकत है।’ कहा जा रहा है कि बैठक कैंसिल होने ने राज्य के कई दलित नेताओं को नाराज कर दिया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved