- लम्पी के साथ ही प्रशासन को भी है झूठ बोलने की बीमारी, 80 से अधिक गायें अभी भी चपेट में
इन्दौर। देपालपुर के दो दर्जन गांवों में लंपी (Lumpy) बीमारी से गायों (Cow) की मौत (Death) का कहर बरकरार है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी (Administrative officers) गायों की मौत को झुठलाते (defy) हुए मौत के आंकड़े बताने में हिचकिचा रहे हैं, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों (angry villagers) की चिल्ला-पुकार के बाद कल एसडीएम रवि वर्मा सहित वेटरनरी (Veterinary) के डॉक्टर गांव में पहुंचे और संक्रमित (infected) गायों के अलग रहने की व्यवस्था करवाई।
देपालपुर के सेमदा सहित दो दर्जन गांवों में इस महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। दो दिन पहले भी सेमदा गांव में २ दर्जन गायों की मौत हो गई, जबकि प्रशासनिक अधिकारी मात्र दो गायों की मौत की पुष्टि कर रहे हैं। ग्रामीण जब उन्हें 1-1 गाय की हुई मौत गिनाने लगे तो कहने लगे कि दूसरी गाय बूढ़ी हो गई थी, इसलिए दम तोड़ दिया। इसके अलावा इसी क्षेत्र के पीपल्या, करवसा, विजयपुर, गिरोता और खटवारी सहित अन्य गांवों में लगभग 80 से अधिक गाय संक्रमण की चपेट में हैं। महामारी बढऩे से ग्रामीणजन बेहद डरे हुए हैं। उधर, बेटमा सहित सांवेर के मांगलिया, शिप्रा, बूढ़ी बरलाई सहित अन्य गांवों में भी बड़ी संख्या में गायें इस महामारी की चपेट में आ गई हैं।
टीके लगवाने के लिए युवा पीढ़ी आगे आई
महामारी से बचाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी गांव-गांव में जाकर गायों को टीके लगा रहे हैं, जिसमें गांव की युवा पीढ़ी आगे आकर डॉक्टरों के साथ टीके लगवाने में सहयोग कर रही है। देपालपुर, बेटमा, सांवेर, महू सहित इंदौर के कई गांवों में भी यह महामारी आ गई है। गांव के बुजुर्ग लोग टीके से ज्यादा घरेलू इलाज पर भी जोर देने लगे हैं।
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