भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

नशामुक्ति अभियान और विधानसभा चुनाव के चलते न शराब के दाम बढ़ेंगे न नई दुकानें खुलेंगी

  • नई शराब नीति में दो साल के हो सकते हैं ठेके, आजकल में हो सकती है बड़ी बैठक

भोपाल। प्रदेश का शराब महकमा नई शराब नीति को तैयार करने में जुट गया है। नई शराब नीति प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयार की जा रही है। इसके चलते न तो प्रदेश में शराब की नई दुकान खोली जाएगी और न ही देसी शराब के दाम बढ़ाए जाएंगे। नीति को लेकर सभी जिलों से सुझाव आबकारी आयुक्त ग्वालियर के माध्यम से भोपाल पहुंच गए हैं। जिसमें नई आबकारी नीति में ठेका दो साल के लिए हो सकता है। हालांकि प्रस्तावों पर शासन स्तर से कोई निर्णय नहीं लिया है। नई शराब नीति को लेकर शासन ने शराब के ठेकेदार, आबकारी के अधिकारी, निर्माताओं से भी फीडबैक लियाा है। देसी शराब के दाम घटाने को लेकर कच्ची शराब व जहरीली शराब की घटनाओं में कमी आने का फीडबैक मिला है, इसलिए इस बार नई नीति में इसके दाम न के बराबर बढ़ भी सकते हैं या यथावत रखे जाएंगे। नई नीति को लेकर आबकारी अधिकारियों से भोपाल में चर्चा हो चुकी है। अब विभागीय मंत्री के सामने अधिकारियों द्वारा प्रजेंटेशन दिया जाएगा।


नीति के तहत हो सकती है सख्ती
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी की मांग कर रही हैं। चुनाव में यह मुद्दा गर्माएगा। ऐसे में सरकार नई शराब नीति में कुछ सख्ती कर सकती है। इसके साथ ही नशा मुक्त अभियान और शराब को लेकर पहले भी उठने वाले सवालों को देखते हुए नीति निर्माण का काम किया जा रहा है। नई शराब नीति बनाने के लिए मुख्यालय ने सभी जिलों से सुझाव मांगे हैं जिन्हें कच्चे ड्राफ्ट में शामिल किया गया है। आबकारी के ठेकेदारों से भी बात की गई है। वर्तमान में लागू आबकारी का कंपोजिट दुकानों का फार्मूला आगे भी इसी तरह यथावत रह सकता है।

आज-कल में बड़ी बैठक
नई आबकारी नीति को लेकर मोटी मोटी रूपरेखा आए सुझाव व प्रस्तावों के आधार पर तैयार कर ली गई है। वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी मंत्री के सामने आज-कल में प्रस्तावित नीति को प्रस्तुत कर सकती हैं। आंशिक बदलावों के साथ जल्द अब नई नीति पर मुहर लग सकती है। दिसंबर में फायनल कर ली जाएगी और जनवरी में शासन इसके जारी कर देगा।

Share:

Next Post

रिश्वतखोरी में फंसे कर्मचारी नहीं देना चाहते आवाज के नमूने

Mon Nov 21 , 2022
पुलिस को कोर्ट से लेना पड़ रहा आदेश लोकायुक्त पुलिस को अधिकतर मामलों में कोर्ट में लगाना पड़ता है आवेदन, तभी उपस्थित हो रहे रिश्वत के मामले में आवाज का मिलान जरूरी भोपाल। रिश्वतखोरी में फंसे अधिकारी व कर्मचारी अपने आवाज के नमूने देने से बच रहे हैं। विशेष स्थापना पुलिस (लोकायुक्त पुलिस) से तीन […]