बड़ी खबर

Earthquake: लद्दाख में सुबह-सुबह महसूस किए गए भूकंप के झटके, 4.5 रही तीव्रता

लद्दाख (Ladakh)। लद्दाख (Ladakh) में मंगलवार की सुबह भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं। जिसके बाद से लोग दहशत में आ गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने (Richter scale) पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी (Earthquake intensity measured 4.5) गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) (एनसीएस) ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि लद्दाख और लेह (Ladakh and Leh) में सुबह करीब चार बजकर 33 मिनट 4.5 तीव्रता का भूकंप आया है। भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई में बताया जा रहा है।


क्यों बार-बार आ रहे भूकंप के झटके?
इसे समझने के लिए हमने आईआईटी कानपुर सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर प्रोफेसर और जियोसाइंस इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ प्रो. जावेद एन मलिक से बात की। उन्होंने कहा, ‘हिमालय रेंज में टेक्टोनिक प्लेट अस्थिर हो गई है। इसके चलते अब लंबे समय तक इस तरह के भूकंप आते रहेंगे। इस बार आए भूकंप का भी यह एक बड़ा कारण है। ये झटके हिमालयन रेंज पर आते हैं। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, नेपाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में आने वाले भूकंप का असर कई बार दिल्ली एनसीआर और आसपास के राज्यों में भी देखने को मिलता है।’

अब भूकंप के बारे में भी जान लीजिए
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

Share:

Next Post

Kullu: पतलीकुहल वन क्षेत्र में लगी भीषण आग, ऊंची-ऊंची उठ रहीं लपटें

Tue Dec 26 , 2023
कुल्लू (Kullu)। कुल्लू (Kullu) के पतलीकुहल वन क्षेत्र (Patlikuhal forest area) में भीषण आग (massive fire broke out) लग गई है। एजेंसी ने आग लगने का वीडियो साझा किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि आग की लपटें ऊंची-ऊंची उठ रही हैं। पतलीकूहल वन क्षेत्र में हिमाचल के कुल्लू में आता है। वहां […]