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आम बजट से पहले आता है आर्थिक सर्वे, जानिए क्या है इसकी अहमियत

– आर्थिक सर्वे 31 जनवरी को होगा पेश, वृद्धि दर 9 फीसदी रहने का अनुमान

नई दिल्ली। आर्थिक सर्वेक्षण (economic survey) बजट का मुख्य आधार होता है। सरकार इसको आम बजट (general budget) से एक दिन पहले संसद में पेश करती है। सरकार इसके जरिए देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर (picture of country’s economy) को पेश करती है, जिसमें पूरा लेखा-जोखा होता है। आमतौर पर आर्थिक सर्वे को दो हिस्सों में पेश किया जाता है। हालांकि, वित्त मंत्रालय इस बार आर्थिक सर्वे एक खंड में जारी कर सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट एक फरवरी को पेश करेंगी, जबकि आर्थिक सर्वे 31 जनवरी को पेश किया जाएगा।


वित्त मंत्रालय इस बार आर्थिक समीक्षा यानी इकोनॉमिक सर्वे को एक खंड में जारी कर सकता है। आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 9 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है। आम बजट से एक दिन पहले 31 जनवरी को वित्त मंत्री इसे संसद में पेश करेंगी। इस बार संसद में पेश किया जाने वाला आर्थिक समीक्षा को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की अनुपस्थिति में प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारी तैयार कर रहे हैं। परंपरागत रूप से इस दस्तावेज को सीईए की अगुवाई में तैयार किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा होता है। सरकार इसके जरिए देश को अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में जानकारी देती है। इस रिपोर्ट में सालभर में देश में विकास का क्या ट्रेंड रहा, किस क्षेत्र में कितनी पूंजी आई, विभिन्न सरकारी योजनाएं किस तरह लागू हुई। आर्थिक सर्वे में सरकारी नीतियों प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। इसे दो हिस्सों में पेश किया जाता है। पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की हालत बताई जाती है, जबकि दूसरे हिस्से में प्रमुख आंकड़े होते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। (एजेंसी, हि.स.)

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