इस्लामाबाद (islamabad) । पाकिस्तान (Pakistan) के निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने इस्लामाबाद पुलिस को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। आयोग ने अपनी अवमानना से जुड़े एक मामले में यह आदेश दिया है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) सुनवाई से खान की लगातार अनुपस्थिति से नाराज था और उसने अवमानना मामले में पेश नहीं होने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख को गिरफ्तार करने का इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को निर्देश दिया।
ईसीपी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए पिछले साल खान और उनकी पार्टी के पूर्व नेताओं असद उमर और फवाद चौधरी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की थी। ईसीपी के सदस्य निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने 11 जुलाई को पिछली सुनवाई में उमर को राहत देने के साथ-साथ खान और चौधरी के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पीठ ने सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख निर्धारित की थी।
ECP की नोटिस पर पेश नहीं हो रहे थे इमरान
नए आदेश में ईसीपी ने कहा कि 16 जनवरी और 2 मार्च को खान के लिए नोटिस और जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद भी वह ईसीपी के सामने पेश होने में विफल रहे थे। दूसरी ओर, पाकिस्तान की एक अदालत ने कोर कमांडर हाउस पर हमले से जुड़े मामले में इमरान खान की दो बहनों औ एक रिश्तेदार को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की। खान को मई में कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद यह हमला किया गया था।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से 9 मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद पार्टी समर्थकों की भीड़ ने जिन्ना हाउस के नाम से पहचाने जाने वाले कोर कमांडर हाउस में तोड़फोड़ की थी और उसे आग लगा दी थी। अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद कहा, ‘लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो बहनों- अलीमा खान और डॉ. उज्मा व उनके रिश्तेदार हसन नियाजी तथा पीटीआई के 19 अन्य नेताओं को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वे लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले में कथित संलिप्तता के मामले में लगातार अदालत की सुनवाई में भाग नहीं ले रहे थे।’
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