इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कांग्रेस के अध्यक्ष के बिना नहीं होंगे चुनाव, जल्द मिलेगा शहर अध्यक्ष

दिग्गी ने किया इशारा, एक शहर तो दो कार्यकारी या फिर चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर सभी गुटों का समावेश करेंगे

इन्दौर। शहर कांग्रेस (Indore Congress) को लेकर चल रही उठापटक के बीच यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस अब इंदौर जैसे शहर में अध्यक्ष नहीं बनाकर संगठन प्रभारी के भरोसे ही चुनाव करा सकती है या फिर केवल कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन इन बातों पर दिग्विजयसिंह (Congress Leader Digvijay Singh) ने विराम लगा दिया है। उनका कहना है कि जल्द ही इंदौर को अध्यक्ष मिलेगा और उसके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।


पहले माना जा रहा था कि इंदौर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष के मामले में प्रदेश संगठन अब किसी तरह की रिस्क नहीं लेगा, क्योंकि विधानसभा चुनाव में समय कम बचा है और कहीं ऐसा न हो कि जिसे अध्यक्ष घोषित किया जाए, उसके विरोधी गुटबाजी के चक्कर में पार्टी का काम करना छोड़ दें, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना न पड़े। अभी तक भले ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी खाली पड़ी है और जो अभियान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दिए जा रहे हैं, उनमें शहर कांग्रेस पिछड़ रही है, उसके बावजूद कांग्रेस में एक अजीब तरह की शांति है। जिस तरह से विनय बाकलीवाल सक्रिय हैं, उससे लग रहा है कि उन्हें ऊपर से हरी झंडी मिल गई है। वहीं गोलू अग्निहोत्री कुछ दिनों से नजर नहीं आ रहे हैं। दिग्विजयसिंह के दौरे के दौरान भी वे नहीं दिखे। अरविंद बागड़ी भी चुपचाप बैठ गए हैं, लेकिन आयोजनों में नजर आ जाते हैं। एक अन्य नाम अमन बजाज का भी है, जो पांच नंबर से दावेदारी भी कर रहे हैं। दिग्विजयसिंह ने अध्यक्ष घोषित करने की बात कहकर हलचल मचा दी है और दावेदारों के चेहरे खिल गए हैं। अध्यक्ष के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं या फिर चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर सभी गुटों को महत्व दिया जा सकता है। ये कब होगा इसकी कोई समयसीमा कांग्रेस ने तय नहीं की है।

ऐसा अध्यक्ष चाहिए जो सबको साथ लेकर चल सके, लेकिन ऐसा है कौन?

इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी हमेशा से वजनदार रही है। कांग्रेस की सरकार के समय जो भी अध्यक्ष रहे वे एक तरह से शेडो सीएम हुआ करते थे और उनकी तूती बोलती थी। चाहे कृपाशंकर शुक्ला का कार्यकाल ले लो या फिर स्व. उजागरसिंह चड्ढा का। इसके बाद प्रमोद टंडन ने भी एकतरफा शहर कांग्रेस चलाई। हालांकि आखिर में जब विनय बाकलीवाल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो उनमें विवाद होने लगे और टंडन की अस्वस्थता के बाद बाकलीवाल को अध्यक्ष बना दिया गया। वे भी चंद समर्थकों से घिरे दिखाई देते रहे। चूंकि कांग्रेस में अब एक नया जोश आया है और लगातार प्रदेश में सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है तो शहर कांग्रेस को ऐसा अध्यक्ष चाहिए, जो सभी गुटों को साथ लेकर चल सके और विधानसभा चुनाव में एक्टिव हो। जितने नाम अभी शहर अध्यक्ष के लिए चल रहे हैं, उनमें एक भी ऐसा नाम नहीं है, जो गुटीय राजनीति से परे हो और निर्विवाद रहे, तभी कांग्रेस इंदौर जैसे शहर में जिंदा रह सकती है, लेकिन ऐसा है कौन?  -संजीव मालवीय

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