आचंलिक

18 घंटे के ब्लैक आउट के बाद रात 12 बजे लौटी बिजली

  • भारी बारिश की तबाही के बाद गृहस्थी का सामान समेटने में जुटे लोग, देर रात जनप्रतिनिधियों ने पहुंचाई राहत सामग्री
  • कलेक्टर-एसपी ने नगर में जलभराव वाले क्षेत्रों का किया निरीक्षण

सीहोर। पिछले 36 घंटे से लगातार बारिश के साथ ही तेज हवा चल रही थी। तेज हवा के कारण शहर में कई जगह पर पेड़ धराशायी हो गये थे। साथ ही बिजली सप्लाई भी प्रभावित हुई थी। लगातार बारिश के कारण बिजली कंपनी का अमला समय पर मर मत नहीं कर पाया जिस कारण शहर के अधिकांश हिस्सो में सोमवार की सुबह से रात 12 बजे तक ब्लैक आउट रहा। पिछले 18 घंटे ब्लैक आउट के दौरान कई हिस्सो में बिजली बार बार आती जाती रही जिससे लोगो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रात के समय बिजली न होने के कारण लोग मोमबत्ती के सहारे रात बिताने को मजबूर थे। हालात यह थी कि अंधेरे में भोजन तैयार करने में महिलाओ को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से नदी नालो में उफान हो गया। लगातार हो रही बारिश के कारण शहर में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गये थे। शहर की निचली बस्तियों में सीवन नदी और सीटू नाले के आसपास के क्षेत्र के मोहल्लो में दो से तीन फिट तक पानी भर गया था। जहां लोगो के पास गृहस्थी का सामान तक सुरक्षित नहीं बच पाया। ऐसे में देर रात जनप्रतिनिधियों ने वार्डो में पहुंचकर लोगो को राहत दी, साथ ही भोजन सामग्री का वितरण किया। नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर के द्वारा नपा प्रशासन के माध्यम से बाढ़ प्रभावित लोगो के रूकने के लिये छह से अधिक स्थानों पर व्यवस्था की थी साथ ही इनके भोजन की व्यवस्था भी कराई गई थी। नपाध्यक्ष प्रिंस राठौर के साथ नपा सीएमओ संदीप श्रीवास्तव भी दिनभर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो का जायजा लिया। मंगलवार को सुबह जब मौसम खुला तो बाढ़ पीडि़त अपने घरो पर पहुंचकर अपनी गृहस्थी का सामान एकत्रित करने लगे।

दो दिन का अलर्ट जारी
आरएके कृषि महाविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर का कहना है कि अभी जिले में बारिश के आसार बने हुए हैं, मंगलवार और बुधवार को भी बारिश होगी। हालांकि इसके बाद राहत मिल जाएगी। अभी दक्षिण पूर्व और दक्षिण पश्चिम से चल रही हवाओ के कारण जो सिस्टम बने थे जिसके अनुसार पिछले तीन दिनों से लगातार जिले में तेज बारिश हुई है। यह सिस्टम अभी भी सक्रिय है इससे अभी भारी बारिश का खतरा टला नहीं है। जिले में अभी भी दो दिन बारिश के आसार बने हुए हैं।

जनप्रतिनिधियों ने पहुंचाई राहत सामग्री
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रो में नपाध्यक्ष प्रिंस राठौर ने पीडि़तो को ढांढस बंधाया साथ ही देर रात भी कई क्षेत्रो में पहुंचे और नगर पालिका प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीडि़तो को ठहरने और भोजन के लिये व्यवस्था की गई थी। इसके बारे में जानकारी दी साथ ही कई पीडि़तो को राहत भी पहुंचाई।

वार्ड 20 में घर-घर पहुंचाया भोजन
वार्ड क्रमांक 20 की पार्षद सपना मालवीय ने लुनिया मोहल्ला में पानी भर जाने के बाद जेसीबी बुलाकर चोक हुई नालियों की सफाई कराई। इसके अलावा भारी बारिश में जलभरावा वाले क्षेत्रो का निरीक्षण किया।

मामला भोपाल नाका से दरगाह तक जलभराव का
आष्टा। भारी बारिश के चलते आष्टा नगर में कई स्थानों पर बारिश का पानी भरा सबसे ज्यादा परेशानी पुराना भोपाल इंदौर मार्ग भोपाल नाका से दरगाह तक की है। जहां पर भोपाल नाके से दरगाह तक के दोनों ओर के नाले चौक है इनमें मलवा भरा पड़ा है वही पुलिया में भी मलवा भरा होने कारण चौक है इस कारण खेतों में से आने वाला बारिश का पानी हाईवे पर बह रहा है सड़क पर करीब 4 फीट पानी है कभी भी रात्रि में कोई भी हादसा हो सकता है इसलिए प्रशासन और नगर पालिका को दोनों और के नालों की जेसीबी से सफाई कर आनी चाहिए और पुलिया का मलवा हटाना चाहिए ताकि बारिश का पानी निकल सके। लगातार दो दिनों से वाहन चालक इस क्षेत्र में परेशान है।

सावधानी अति आवश्यक
भारी बारिश के चलते जहां क्षेत्र के कई नदी नालों में बाढ़ आ रही है तो वही आष्टा क्षेत्र में पुराना भोपाल इंदौर मार्ग भोपाल नाका से दरगाह तक वाहन चालकों को निकलना किसी खतरे से कम नहीं है। लगातार दो दिनों से इस क्षेत्र में पूरे मार्ग पर करीब 4 फीट पानी है लोग जान जोखिम में डालकर वाहन चलाकर निकल रहे हैं सोमवार को करीब आठ दस वाहन बीच रास्ते में ही साइलेंसर में पानी घुसने कारण बंद हो गए वह तो दिन था तो नागरिकों ने कैसे पैसे वहां निकाले लेकिन रात में कभी भी हादसा हो सकता है इसलिए प्रशासन नगर पालिका एवं जनप्रतिनिधियों को उक्त समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए। इस संबंध में नप अध्यक्ष हेम कुवर राय सिंह मेवाडा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया है कि भोपाल नाका की दरगाह तक जो समस्या है। सड़क पर जलभराव की उसको जल्द ही हल किया जाएगा।

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