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अधीर रंजन का इमोशनल कार्ड, बोले-मैं अनाथ नहीं, सोनिया गांधी मेरी अभिभावक

नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha ) में कांग्रेस संसदीय दल के नेता (Leader of Congress Parliamentary Party) अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) के बयान पर जमकर हंगामा हो रहा है। महंगाई, अग्निपथ, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विपक्ष के ताबड़तोड़ हमले झेल रही सरकार अब संसद से लेकर सड़क तक पर फ्रंटफुट पर है। इस पूरे प्रकरण पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP)) कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष (Congress party interim president) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और अधीर रंजन चौधरी से देश और राष्ट्रपति से माफी की मांग कर रही है। विवादों के बीच चौधरी ने भी इमोशनल कार्ड खेलने की कोशिश की है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”मैं अनाथ नहीं हूं। सोनिया गांधी मेरी अभिभावक जैसी हैं।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस मामले को तूल दे रही है।


बता दें कि कल संसद से निकलते समय अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए उन्होंने राष्ट्रपत्नी शब्द का इस्तेमाल जान-बूझकर नहीं किया था। उन्होंने कहा, ”मैं बंगाली हूं। मेरी हिंदी उतनी अच्छी नहीं है। मेरे मुंह से गलती से यह शब्द निकल गया। जरूरत पड़ेगा तो मैं राष्ट्रपति से माफी मांगूंगा, लेकिन इन पाखंडियों से नहीं।”

संसद में सोनिया ने कहा- अधीर ने पहले ही मांग ली माफी
सोनिया गांधी ने इस पूरे प्रकरण पर गुरुवार को काफी एक्टिव दिखीं। उन्होंने खुद मोर्चा संभाला। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से उनकी नोकझोंक भी हुई। संसद परिसर में जब सोनिया गांधी से पूछा गया कि क्या वह चौधरी से माफी मांगने के लिए कहेंगी तो उन्होंने कहा, ”वह पहले ही माफी मांग चुके हैं।”

सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी में नोकझोंक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी को लेकर मचे हंगामे के बीच गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी में भी जमकर नोंकझोंक हुई। हालांकि-उस समय सदन स्थगित था। भाजपा की महिला सांसद पहले से ही मोर्चा संभाले हुई थीं, ऐसे में सोनिया गांधी को सत्तापक्ष की बेंच पर जाकर रमा देवी को सफाई देना भारी पड़ा।

लोकसभा में सुबह से ही हंगामा था, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी प्रश्नकाल से ही हमलावर थीं। एक बार सदन स्थगित होने के बाद 12 बजे जैसे ही शुरू हुआ, हंगामा शुरू हो गया। सत्तापक्ष से ‘माफी मांगो’ के नारे गूंजे तो कांग्रेस के कुछ सांसद भी आसंदी के सामने आ गए। ऐसे में सदन को कुछ ही मिनट में स्थगित कर दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, सदन स्थगित होने के बाद जब सोनिया गांधी बाहर जा रही थीं, तभी सत्तापक्ष की तरफ से सोनिया गांधी ‘माफी मांगो’ के नारे गूंजे। इसे सुनकर सोनिया गांधी वापस मुड़कर अपनी सीट के सामने से होते हुए सत्ता पक्ष में रमादेवी की सीट पर पहुंचीं। सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी ने रमा देवी से कहा कि उनका नाम क्यों घसीटा जा रहा है, अधीर रंजन माफी मांग चुके हैं। इसी बीच रमा देवी की सीट के पीछे की सीट पर बैठी स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी से कुछ कहा, जिसे सोनिया गांधी ने नजरंदाज कर दिया, लेकिन फिर से टिप्पणी करने पर सोनिया गांधी गुस्से में यह कहते सुनाई दीं कि ‘मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है।’ इसके बाद भाजपा की कई महिला सांसदों ने सोनिया से कुछ पूछा। स्मृति ईरानी भी सोनिया के रुख पर बिफरी दिखीं।

बीच बचाव करते दिखे सांसद
इस बीच कांग्रेस के गौरव गोगोई और रवनीति सिंह बिट्टू भी बीच बचाव में आ गए। सत्ता पक्ष से भी अर्जुनराम मेघवाल, निशिकांत दुबे और राकेश सिंह आदि पहुंच गए। आरोप प्रत्यारोप होने लगे। सोनिया गांधी को अकेला पड़ता देख तृणमूल कांग्रेस की कुछ महिला सांसद उनके पक्ष में आगे बढ़ीं। इस बीच स्थिति बिगड़ती देख एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा आदि सोनिया गांधी को वहां से ले गईं। लेकिन दोनों पक्षों में नोंकझोंक जारी रही। सत्ता पक्ष से यह कहते सुना गया कि सोनिया गांधी सत्ता पक्ष की बेंच की तरफ क्यों आईं।

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