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सरकारी योजनाओं से गांवों की महिलाओं का सशक्तीकरण, 16 फीसदी ने लिया होम लोन


नई दिल्ली। सरकार की स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना से गांवों की महिलाओं का सशक्तीकरण तेजी से हो रहा है। छोटे जिलों से होम लोन लेने में महिलाएं आगे आ रही हैं। एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे शहरों में पहली बार 16 फीसदी महिलाओं ने होम लोन लिया है।

कुछ जिलों में तो होम लोन लेनेवाली महिलाओं की संख्या 80 फीसदी के पार है। वित्तवर्ष 2022 में तीसरे और चौथे स्तर के शहरों में नए लोन की वृद्धि दर 36 फीसदी रही जो 2019 में 33 फीसदी थी। छोटे जिलों में होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है।

2021-22 में होम लोन पोर्टफोलियो 10 फीसदी बढ़ा
20 जिलों में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या छोटे शहरों में ही रही है। इसमें से 6 जिले छत्तीसगढ़, 3-3 जिले गुजरात और हरियाणा के हैं। यहां कुल आबादी में महिलाओं की आबादी औसत 49 फीसदी है।


  • 2022 में होम लोन पोर्टफोलियो 10 फीसदी की दर से बढ़ा था। तीसरे व चौथे स्तर के शहरों की वृद्धि दर पहले और दूसरे स्तर के शहरों से ज्यादा रही। मकानों की कीमतें भी बीते साल तीसरे व चौथे स्तर के शहरों में ही ज्यादा बढ़ी थीं।

सबसे ज्यादा बढ़त उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में
चौथे स्तर के जिलों में कर्ज में सबसे ज्यादा बढ़त उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में रही है। इसमें इटावा, बाराबंकी, पीलीभीत, चंदौली, मिर्जापुर व अमरोहा हैं। तीसरे स्तर के जिलों में 30-50 लाख रुपये और 50 लाख से एक करोड़ रुपये के कर्ज की ज्यादा मांग रहती है। हालांकि नए होम लोन में वित्तवर्ष 2019 की तुलना में 2022 में सबसे ज्यादा वृद्धि पंजाब, हरियाणा के जिलों में रही है। होम लोन का बाजार 24 लाख करोड़ रुपये है। पांच साल में दोगुना होकर 48 लाख करोड़ रुपये होगा।

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