नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव (Congress President Election) के लिए 21 अगस्त से 20 सितंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कांग्रेस की चुनाव समिति (Congress Election Committee) ने प्रस्ताव दिया था. 21 अगस्त बीत जाने के बाद भी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव को लेकर कोई भी सुगबुगाहट नहीं होती दिख रही है।
सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी से वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के दौरान अध्यक्ष की कमान लेने से मना कर दिया था. माना जा रहा है राहुल गांधी के इस कदम के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
राहुल ने 2019 में इस्तीफा दे दिया था
गौरतलब है की 2017 में राहुल गांधी काग्रेस के अध्यक्ष बने थे और 2019 लोकसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी थी।
मधुसूदन मिस्त्री जो कि कांग्रेस के लिए बनाई गई चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं उनके अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 21 अगस्त से 20 सितंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया जा चुका है अब कांग्रेस वर्किंग कमेटी को इसपर फैसला लेना है।
चुनाव में देरी की ये है बड़ी वजह
सूत्रों के अनुसार चुनाव में हो रही देरी की वजह राहुल गांधी का अध्यक्ष पद के लिए रुचि नहीं लेना भी एक वजह है और अगर राहुल गांधी दोबारा अध्यक्ष नही बनेंगे तो कई नाम चर्चा में हैं जिनपर विचार किया जा रहा है. अध्यक्ष पद के लिए मलिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, के सी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी और मुकुल वासनिक के नाम की भी चर्चा है।
हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा मानता है की गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति अगर अध्यक्ष बनेगा तो पार्टी बिखर जायेगी और कई सीनियर लीडर्स का मानना है की अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो लोकसभा चुनाव तक तो सोनिया गांधी को दुबारा अध्यक्ष बना दिया जाए।
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