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हर समस्या हनुमान जी की कृपा से होती है दूर, जाने किसे करना चाहिए मंगलवार का व्रत ?

नई दिल्‍ली (New Delhi) । कुंडली में मंगल दोष हो या कार्य सिद्धि के लिए रामभक्त श्री हनुमान जी (Shri Hanuman ji) की कृपा पाने के लिए बहुत से लोक मंगलवार का व्रत (tuesday fast) रखते हैं। कोई 7 , कोई 11 और 21 मंगलवार का व्रत रखता है। माना जाता है कि कठिन से कठिन समस्या भी हनुमान जी की कृपा से दूर हो जाती है। लेकिन बहुत से लोगों के मन में सवाल होगा कि हनुमान की प्रसन्न करने के लिए मंलवार का व्रत किसे करना चाहिए? कई संत व कथा वाचकों का मानना है कि प्राण प्रतिष्ठा की गई हनुमान जी की मूर्ति को महिलाओं का नहीं छूना चाहिए। ऐसे में सवाल होता है कि क्या महिलाएं मंगलवार का व्रत कर सकती हैं? तो अपको बता दें कि मंगलवार का व्रत कोई भी महिला या पुरुष कर सकता है। लेकिन मंगलवार का व्रत शुरू करने से अपने संपर्क के किसी पंडित या हनुमान जी की पूजा विधान जानने वाले से सलाह जरूर ले लें।


लेकिन इस व्रत में नियम-संयम और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। जो इन नियमों का पालन अंत तक कर सकता है उसी को मंगलवार का व्रत करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगलवार के व्रत से न सिर्फ जातक का मंगल दोष दूर होता है। शनि के प्रभाव से पीडित व्यक्ति को भी हनुमान जी की पूजा से राहत मिलती है। श्री हनुमान जी की कृपा से बिगड़े कार्य भी बनने लगते हैं। कहा जाता है कि हनुमान जी को अमर रहने का वरदान प्राप्त है और वे आज कलयुग में भी पृथ्वी पर निवास करते हैं। पूरे विश्वास के साथ हनुमान जी का ध्यान करने व पूजा-उपासना करने से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है।

मंगवार व्रत की विधि:
मंगलवार को व्रत के लिए प्रात:काल उठकर स्नान करें और लाल रंग का कोई नया या धुला हुआ कपड़ा पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और जलाभिषेक के साथ ही व्रत की तैयारी करें। अपने निकट के हनुमान मंदिर में स्थापित मूर्ति को चमेली के तेल और केसरिया सिंदूर से चोला चढ़ाएं। संभव हो तो प्रसाद भी बांटें। इसके बाद घर के पूजा घर में या ईशान कोण में हनुमान जी की प्रतिमा रखें और गाय के घी का दीपक जलाएं। फल-फूल अर्पित करें और उनकी स्तुति आदि करें। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ और सुंदर कांड का पाठ करें। व्रत में फलाहार कर सकते हैं। व्रत वाले पूरे दिन श्री सीताराम नाम का स्मरण करें। शाम को एक बार फिर हनुमान जी की आरती करें और भोग लगाएं। शाम को व्रत के पारण के बाद तक व्रत के दिन नमक का सेवन करें।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। दी गई सूचना जनरुचि को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत की गई हैं, इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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