आचंलिक

बारिश रुकी तो किसानों ने ली राहत की सांस

  • फसल सुखाने में जुटे, आने वाले दिनों में ही हो सकती है बारिश
  • प्रशासन से मुआवजा मिलना असंभव

सिरोंज। लगातार बारिश होने के कारण खरीफ फसल प्रभावित हो चुकी है जो कुछ बची है वह भी पिछले कुछ दिनों से मौसम में हुए बदलाव की वजह से नष्ट हो रही है ।शनिवार को दिनभर बादलों की लुकाछिपी का दौर तो चलता रहा पर बारिश नहीं होने से किसानों ने राहत की सांस ली दोपहर के बाद धूप निकलने पर किसान फसलों को सुखाने में जुड़ गए 3 दिनों से लगातार बारिश होने के कारण खेतों में कटी हुई फसल सडाकार खराब हो रही है उसकी पलटी करने के लिए किसान खेतों पर पहुंचे किसानों ने बताया कि पानी गिरने के कारण खेतों में खड़ी हुई फसल को भी नुकसान हो रहा है जिन किसानों ने फसल कटवा ली है उनको और भी ज्यादा नुकसान हो रहा है पानी लगने के कारण वह नष्ट हो रही है ,खड़ी फसल के दाने फलियां खुलने के कारण गिर रहे हैं।इस समय खेतों में इतना पानी भरा हुआ है जिसकी वजह से हार्वेस्टर से फसल की कटाई करवाई नहीं जा सकती है ।क्योंकि हार्वेस्टर जाने के लिए रास्ता भी नहीं है और ना ही हार्वेस्टर पानी की वजह से खेतों में चल पा रहे हैं मजबूरी में फसलों की कटाई मजदूरों से ही करवानी पड़ेगी इतनी बड़ी संख्या में मजदूर मिलना ही सबसे बड़ी समस्या हो रही है खेतों में पानी भरा होने के कारण मजदूर भी फसल काटने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं । पैदावार इतनी कम निकल रही है कि किसानों की लागत भी खड़े नहीं हो रही है।दूसरी ओर शनिवार को तो मौसम खुला रहा वहीं मौसम विभाग के द्वारा आने वाले दिनों में भी इसी तरह बारिश होने की संभावना जाहिर की है। इसकी वजह से किसानों की चिंताएं बढऩा लाजमी है जो कुछ फसल बची है उसकी जल्दी से जल्दी कटाई नहीं कराई तो उसको बचा पाना भी मुश्किल हो जाएगा ऐसी स्थिति में रवि फसल के लिए खाद बीज का इंतजाम करना भी छोटे किसानों को मुश्किल हो जाएगा।

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रबी फसल की तैयारी में जुटे
बारिश के बाद अधिकांश किसान खाद बीज खरीदने के लिए बाजार में आ रहे हैं खाद की दुकानों पर बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ लग रही है कई दुकानदारों के द्वारा किसानों को नकली खाद बीज थमा दिया जाता है इसकी वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ता है । इसको दृष्टिगत रखते हुए कृषि विभाग के द्वारा दुकानदारों से जांच के लिए सैंपल भी लिए जा रहे हैं वहीं नकली खाद बीज बेचने वाले दुकानदारों पर नकेल कसने के लिए सही जांच की जाएगी तो ही कार्रवाई होगी नहीं तो इस तरह से सैंपल लेने के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति से कुछ होने वाला नहीं है। नुकसान के बाद भी नहीं मिलेगा मौत वहीं प्रशासन के द्वारा अधिक बारिश होने के बाद भी फसलों में कोई नुकसान नहीं माना गया है। इसकी वजह से किसानों को नुकसान होने के बाद भी राहत राशि मिलना मुश्किल नजर आ रहा है फसल पिटने के बाद किसानों के द्वारा कई बार अधिकारियों के समक्ष धरना प्रदर्शन से लेकर ज्ञापन भी दिए इसके बाद भी मुआवजा राशि एवं फसल बीमा राशि का लाभ मिलना भी असंभव दिखाई दे रहा है।

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