आचंलिक

आसमान से बरसी आफत किसानों की फसलें हुई चौपट, पिथोली में तो कश्मीर जैसा दिखा नजारा घटवार

  • रजाखेड़ी बमूलिया ताल कोरबास में भी जमकर हुई ओलावृष्टि, एसडीएम ने प्रभावित ग्रामों का लिया जायजा

सिरोंज। इन दिनों जमकर कुदरत के कहर देखने को मिल रहा है भारी बारिश और तेज ओलावृष्टि के चलते हर दिन अन्ना दाताओं की फसलें चौपट हो रही है। चंद मिनटों में ही उनकी फसलें ओलावृष्टि की चपेट में आने से नष्ट हो गए और वह कुछ नहीं कर पाए बर्बाद फसलों को देखकर किसानों की हालत भी खराब हो रही है एक तरफ सरकार के द्वारा किसानों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया जा रहा है। अधिकारियों के द्वारा भी प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है। दूसरी ओर इस समय तहसीलदार नायब तहसीलदार हड़ताल के कारण सर्वे का काम भी प्रभावित हो रहा है । इस बार ओलावृष्टि कद और बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है पिछले कुछ दिनों से लगातार ओलावृष्टि हो रही है । सोमवार को ग्राम पैथोली में तो इतनी भयंकर ओलावृष्टि हुई कि यहां का पूरा नजारा ही कश्मीर जैसा दिखाई दे रहा था खेत और सड़क के सफेद चादर की तरह दिखाई दे रही थी होली भी बड़े बड़े थे कई घंटों के बाद भी नहीं गले फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई। इसी तरह भारी बारिश के साथ ग्राम घटवार, राजा खेड़ी ,घोसुअ ताल, बमूरिया ताल ,कोरवास में 20 मिनट तक ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गई है 1 दिन पहले रविवार की रात्रि में भयंकर आंधी तूफान और बारिश के अलावा ओलावृष्टि में विकास खंड के 8 ग्राम प्रभावित हुए थे जिन का जायजा लेने के लिए एसडीएम बृजेश सक्सेना मौके पर पहुंचे इसी बीच सोमवार को दोपहर के बाद भयंकर बारिश के साथ विकास खंड के 4 ग्रामों में ओलावृष्टि होने से किसानों की साल भर की मेहनत जरा सी देर में बर्बाद हो गए । अब तक विकासखंड के 2 दर्जन से अधिक ग्रामों में ओलावृष्टि होने से हजारों बीघा जमीन किसानों की चौपट हो चुकी है।


इसकी वजह से करोड़ों का नुकसान भी फसलें प्रभावित होने से किसानों को हो चुका है। अब देखना है कि प्रभावित किसानों की फसलों का कितने जल्दी सर्वे होगा राहत राशि के साथ फसल बीमा का लाभ भी किसानों को मिल पाएगा या बर्बाद फसल होने के बाद भी किसानों को इसका कोई फायदा नहीं होगा दूसरे को चुनावी वर्ष होने का फायदा किसानों को मिल सकता है जिन किसानों की फसल प्रभावित हुई है उनका सर्वे कराकर मुआवजा और फसल बीमा राशि मिल सकती है। सबसे ज्यादा नुकसान चना गेहूं मसर सरसों प्याज आदि की फसलो को हुआ क्योंकि इस समय अधिकांश किसानों की फसल पककर तैयार हो गई है बस फसल को सूखने का इंतजार किसान कर रहे हैं । दूसरी और अधिकांश किसान इस समय मौसम खराब होने के कारण दिन रात फसलो को बचाने में लगे हुए है फिर भी बारिश के और ओलावृष्टि के चलते उनकी फसलें बच नहीं पा रही हैं। घटवार में 20 मिनट तक ओलावृष्टि होने के कारण जिन किसानों की फसलें खेत में खड़ी हुई है उनकी फसलों को ओलावृष्टि की वजह से भारी नुकसान हुआ है साथ ही घटवार में तो प्याज की खेती भी अधिकांश किसानों के द्वारा की जाती है और इस फसल पर ओले गिरने से यहां फसल भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई है । एसडीएम ने रविवार की रात्रि में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित 8 ग्रामों का भ्रमण करके जायजा लेते हुए किसानों को हर संभव सहायता राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। सोमवार को इतनी तेज बारिश भी हुई के खेतों में पानी नहीं बन रहा था नगर में भी जोरदार बारिश होने से सर्दी का एहसास गर्मियों के दिनों में हो रहा है कई लोग तो आग जलाकर ठंड से बचते हुए दिखाई दे 3 दिनों से तो कुदरत का कहर इतना ज्यादा बड़ा है कि फसले बचन मुश्किल हो रहा है। मौसम विभाग के द्वारा पहले ही ओलावृष्टि बारिश होने की चेतावनी दी थी।

इनका कहना है…
ओलावृष्टि होने के कारण हमारी फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है गेहूं के साथ प्याज भी पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
चंदन सिंह रघुवंशी, किसान घटवार

प्रभावित ग्रामों का तत्काल सर्वे करके रिपोर्ट देने के निर्देश पटवारियों को दिए गए हैं मैंने भी कई ग्रामों का भ्रमण किया है सोमवार को गढ़वाल सहित चार ग्रामों में ओलावृष्टि होने की जानकारी मिली है।
बृजेश सक्सेना, एसडीएम

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