मध्‍यप्रदेश राजनीति

फादर्स डे: इन दिग्गज नेताओं के बेटे राजनीति में चलते हैं पिता की बताई राहों पर

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में ऐसे कई बेटे सक्रिय हैं जो अपने पिता की राह पर चल कर जनसेवा का कारवां आगे बढ़ा रहे हैं। आज फादर्स डे के मौके पर हम आपको ऐसे ही कुछ पिता-पुत्र की जोड़ियों के बारे में बताएंगे।

कमलनाथ-नकुलनाथ: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ 1980 के दशक से देश की राजनीति में सक्रिय हैं। कमलनाथ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। वह पहली बार सातवीं लोकसभा के सदस्य बनकर संसद में गए थे। केंद्र की राजनीति के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीति में वह 75 साल की उम्र में भी सक्रिय हैं। कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ भी पिता की राह पर चल रहे हैं। वर्तमान में वह छिंदवाड़ा से कांग्रेस के सांसद हैं। नकुलनाथ 2019 में 17वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए हैं। वे देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक हैं।

दिग्विजय सिंह- जयवर्धन सिंह: दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से दिग्विजय सिंह 1971 से राजनीति में सक्रिय हैं। वे कांग्रेस पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के साथ ही अनेक प्रदेशों में अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह पिता की राजनैतिक सत्ता को संभाल रहे हैं। जयवर्धन ने 2013 से प्रदेश की राजनीति में एंट्री की, वह राघौगढ़ विधानसभा से पहली बार 2013 और फिर 2018 में दूसरी बार विधायक बने हैं।


कैलाश विजयवर्गीय-आकाश विजयवर्गीय: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। बिना कोई भी चुनाव हारे वह लगातार छह बार विधानसभा के सदस्य और करीब 12 साल तक राज्य सरकार में मंत्री रहे। कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय पिता के कदमों पर चलकर प्रदेश की राजनीति संभाल रहे हैं। आकाश इंदौर से बीजेपी के विधायक हैं। 2018 में उन्होंने कांग्रेस के तीन बार के विधायक अश्विन जोशी को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की थी। राजनीति में सक्रिय होने से पहले आकाश पिता के साथ चुनावी दौरों में सक्रिय रहा करते थे।

गोपाल भार्गव- अभिषेक भार्गव: रेहली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक और कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश की राजनीति में 1985 से सक्रिय हैं। वह 6वीं बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं। गोपाल भार्गव मध्य प्रदेश के ऐसे इकलौते नेता हैं जो लगातार 15 साल तक कैबिनेट मंत्री के पद पर रहे हैं। गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव पिता को फॉलो कर रहे हैं। रहली विधानसभा क्षेत्र के राजनीति और सामाजिक कार्यों में अभिषेक बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। पिता के साथ चुनाव प्रचार और पार्टी के कामों में लगातार सक्रिय हैं।

Share:

Next Post

अग्निपथ को लेकर दिए बयान पर घिरे कैलाश, केजरीवाल ने सेना के जवानों का बताया अपमान

Sun Jun 19 , 2022
भोपाल। केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार जारी है। अब कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिवसेना ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के उस बयान पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने अग्निवीरों को भाजपा कार्यालय की सुरक्षा में तैनात करने की बात कही थी। आम […]