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अतीक अहमद के परिवार को सताने लगा एनकाउंटर का डर, जानिए वजह

प्रयागराज: बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड (BSP MLA Raju Pal murder case) के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) में नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad of Gujarat) के साबरमती जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद (ateek Ahmed) को प्रयागराज लाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज पुलिस जल्द ही अतीक अहमद को प्रयागराज लाने के लिए कोर्ट से वारंट जारी करा सकती है, जिसके आधार पर गुजरात जेल से अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा सकता है और पूछताछ की जा सकती है. इसके साथ ही आरोपी बनाए गए अतीक अहमद के छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ को भी बरेली जेल से पुलिस प्रयागराज ला सकती है.

प्रयागराज लाए जाने के बाद पुलिस दोनों अभियुक्तों को कस्टडी रिमांड में लेकर उमेश पाल शूटआउट कांड के बारे में पूछताछ कर सकती है. इसके साथ ही कुछ आरोपियों से अतीक अहमद और अशरफ का आमना-सामना भी कराया जा सकता है. हालांकि इस दौरान पुलिस को कोर्ट से कस्टडी रिमांड लेनी होगी. पुलिस को यह कस्टडी रिमांड 14 दिन से ज्यादा नहीं मिल सकती है. 14 दिन की रिमांड के बाद पुलिस को अतीक अहमद को गुजरात जेल वापस भेजना होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल में रखा गया है.


अगर प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद को यूपी के किसी जेल में रखना चाहेगी, तो उसे सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी होगी. अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज लाए जाने को लेकर उनके परिजनों को एनकाउंटर का भी डर सता रहा है. अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम योगी से उन्हें प्रयागराज न लाए जाने की गुहार लगाई है. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि एसटीएफ दोनों का इनकाउंटर कर सकती है. उमेश पाल शूटआउट कांड में हत्या और षड्यंत्र के आरोपी बनाए गए अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज लाए जाने को लेकर क्या वैधानिक प्रक्रिया है, इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के क्रिमिनल मामलों के जानकार अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय का कहना है कि यदि कोई अभियुक्त जेल में बंद है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है तो उसे पूछताछ के लिए कस्टडी में लेने के पहले 167 सीआरपीसी के तहत पुलिस को मजिस्ट्रेट कोर्ट में अर्जी देनी होती है.

इसके आधार पर पुलिस को केस डायरी के आधार पर कोर्ट को यह बताना पड़ता है कि किस वजह से आरोपी को कस्टडी रिमांड में लेना है. कोर्ट द्वारा वारंट बी जारी किए जाने के बाद प्रयागराज पुलिस गुजरात के साबरमती जेल जाएगी, जहां पर जेल अधीक्षक को वारंट बी सौपेंगी. इसके बाद स्थानीय कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेकर अभियुक्त को प्रयागराज लाया जाएगा, जिसके बाद कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग कर सकती है. हाईकोर्ट के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय के मुताबिक ट्रांजिट रिमांड के दौरान कोर्ट की कुछ शर्ते होती हैं, जिनका पालन न केवल पुलिस को बल्कि अभियुक्त को भी करना होता है. इन शर्तों के उल्लंघन पर पुलिस कोई भी कार्रवाई करती है, जिस बात की आशंका अतीक अहमद और अशरफ के परिजन भी जता रहे हैं.

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