भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सतपुड़ा भवन में मंगलवार सुबह फिर भड़की आग, सीएम ने बुलाई बैठक

  • आग के कारण अभी स्पष्ट नहीं, दोपहर बाद कमेटी शुरू करेगी जांच

भोपाल। मप्र सरकार के सतपुड़ा भवन में सोमवार दोपहर साढ़े तीन बजे लगी आग पर सुबह 8 बजे तक काबू पा लिया गया था, लेकिन मंगलवार सुबह छठवीं मंजिल पर फिर से धुंआ उठने लगा था। दमकल फिर से आग बुझाने में जुट गया। हालांकि कुछ देर बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। इससे पहले आग की जांच के लिए गठित कमेटी के सदस्य अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा दिल्ली से लौटकर सीधे सतपुड़ा भवन पहुंचे। जहां प्रारंभिक पड़ताल के बाद वे वापस लौट आए और दोपहर 1 बजे से जांच कमेटी सतपुड़ा भवन के भूतल पर वन विभाग के बैठक कक्ष से पड़ताल शुरू करेगी। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 10 बजे निवास पर बैठक बुलाई है।
जांच दल के सदस्य अपर मुख्य होम राजेश राजौरा ने कहा कि प्रारंभिक जायजा लिया है। अभी आग लगने के कारणों पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा। सभी मंजिलों पर आग पर काबू पा लिया गया है। 6वीं मंजिल पर धुआं निकल रहा है। हम दोपहर 1 बजे से अपनी जांच शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम 8 बजे के बादसे घटना की मॉनिटरिंग शुरू कर दी थी। केंद्र सरकार से आर्मी की भी मदद ली गई। सभी एजेंसीज – आर्मी, सीआईएसएफ, भेल, एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रयासों से आग काबू में है। नगर पालिका निगम भोपाल का अमला आग बुझाने में पूरी तरह से फेल रहा। आग लगने के एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचीं। सोमवार रात गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। आला अफसर सतपुड़ा भवन के वाहर मौजूद रहे।


स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा का भ्रष्टाचार स्वाहा
आग बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और छठी मंजिल तक पहुंच गई थी। जब आग लगी, तब बिल्डिंग में करीब 1000 लोग और आगंतुक भ्ीा मौजूद थे। आग पिछले हिस्से में लगी थी, इससे कर्मचारी समय रहते बाहर आ गए। 4 मंजिलों में रखी विभागों की प्रमुख फाइलें नष्ट हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर फाइलें चिकित्सा विभाग से संबंधित थीं। मेडिकल कॉलेजों की खरीदी, टेंडर, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश, छात्रवृत्ति, जनजाति कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति, अधिसूचित क्षेत्रों में कराए गए अरबों के विकास कार्यों, आदिवासी कल्याण पर खर्च किए धन से जुड़ी फाइलें खाक हो चुकी हैं। इन कामों में हमेशा भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं।

मंत्रालय और विन्ध्याचल भी आग के मुहाने पर
सतपुड़ा में आग के कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन आग धधकने की वजह भवन में व्याप्त अव्यवस्था है। सतपुड भवन में लगभग सभी विभागों में आधुनिकीकरण के नाम पर अरबों रुपए के कार्य और खरीदी की। जिसमें पुराना फर्नीचन एवं अन्य सामान शामिल हैं। जिसका विधिवत नष्ट नहीं कराया। इन्हें भवन की सीढ़ी से लेकर गलियारे, छत, लॉन, स्टोर में भर दिया था। पुरानी फाइलें भी थीं। आग इन तक पहुंची तो धधकी। मंत्रालय और विंध्याचल भवन में भी ऐसी ही अव्यवस्थ है। एनेक्सी बनने के बाद मंत्रालय के पुराने भवन में फर्नीचर, रिकॉर्ड अव्यवस्था तरीके से भरा पड़ा है। मंत्रीलय की रपटेनुमा सीढ़ी पर पुराना फर्नीचर रखा है। पहली से चौथी मंजिल पर कई कक्षों में पुराना फर्नीचर, उपकरण, फाइलें रखी हुई हैं। यही स्थिति विंन्ध्याचल भवन की है। यदि आगजनी की घटना हुई तो सतपुड़ा जैसी स्थिति बनेगी। खास बात यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग का ध्यान पुराने मंत्रालय भवन की व्यवस्था पर उतना नहीं है, जितना नए भवनों पर है।

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