उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News) मध्‍यप्रदेश

महाकाल मंदिर के नंदीहॉल में पहुंचा पहली बारिश का पानी, प्रशासन की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

उज्जैन। उज्जैन में व्यवस्थाओं के दावे करने वाले प्रशासन की तैयारियां कितनी पूरी है वह रविवार रात को हुई प्री-मानसून बारिश में नजर आ गई। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के आंगन में पानी भर गया और बहता हुआ नंदी हॉल तक पहुंच गया, जिसके बाद महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे।

रविवार रात को उज्जैन में प्री मानसून के तहत जोरदार बारिश हुई। बारिश ऐसी हुई कि शहर की सड़कें तालाब बन गई। लोगों को यह देखकर खुशी तो हुई मगर हैरानी तब हुई जब बारिश का पानी महाकाल मंदिर परिसर से होता हुआ नंदी हॉल तक पहुंच गया। इसके बाद से सवाल उठे कि आखिर ऐसी लापरवाही क्यों हुई क्योंकि गर्भगृह के सामने नंदी हॉल तक इतना पानी भर गया कि तालाब जैसी स्थिति बन गई।

कर्मचारी पानी उलीचते रहे और व्यवस्थाओं पर सवाल उठते रहे। मंदिर समिति की ओर से यह तर्क दिया गया कि औंकारेश्वर मंदिर परिसर के पास जहां से पानी की निकासी होती है वहां कुछ कचरा फंस गया था, जिस कारण पानी रिसता हुआ नीचे पहुंच गया। कचरा हटाने के बाद निकासी शुरू हो गई थी।


यह बात इसलिए उठ रही है क्योंकि मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी सतर्कता नहीं बरती गई। ऐसा भी नहीं कि बारिश में पहली बार ऐसा हुआ हो, हर बार यह स्थिति बनती है मगर मंदिर समिति ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस बात की परवाह नहीं की कि बारिश में क्या हो सकता है। अगर कचरा भी फंसा था तो उसे हटाने के इंतजाम क्यों नहीं किए गए। बारिश का पानी रात में घर में घुसा मगर दिन में यह होता और किसी तरह का हादसा होता तो जिम्मेदार कौन होता क्योंकि हजारों लोग महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में ग्रेनाइट मार्बल के पत्थर लगे हैं जिस कारण फिसलन का भय बना रहता है।

बड़ा सवाल यह भी है कि हजारों करोड़ रुपये महाकाल कॉरिडोर के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं मगर व्यवस्थाएं सुधर नहीं रही। प्री मानसून में कुछ देर की बारिश में जब यह हाल हुए तो जब आने वाले दिनों में लगातार बारिश होगी तो क्या होगा। मंदिर समिति के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है क्योंकि बातें तो उज्जैन को स्मार्ट सिटी बनाने की हो रही है, सर्वसुविधायुक्त बनाने की बात होती है लेकिन रविवार रात को हुई बारिश ने जो नजारा दिखाया उसने अफसरों की दूरदर्शिता पर सवालिया निशान लगाए।

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