नई दिल्ली। दिल्ली में पहला वर्चुअल स्कूल (Virtual school) शुरू होने जा रहा है। यह जानकारी खुद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने पिछले सप्ताह अपनी तरह का पहला ‘वर्चुअल शिक्षण मॉडल’ शुरू करने की सरकार की योजना की घोषणा की है। ले सिसोदिया ने कहा कि इस ‘अनोखे प्रयोग’ से शिक्षा देश या दुनिया के किसी भी हिस्से में विद्यार्थियों के लिए सुगम होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली में विद्यालयों की नयी श्रेणी ‘वर्चुअल दिल्ली मॉडल स्कूल’ (Virtual school) शुरू करने का फैसला किया है, यानी एक ऐसा विद्यालय जहां चारदीवारी या भवन नहीं होगा, लेकिन बच्चे, अध्यापक, शिक्षण, परीक्षा, मूल्यांकन और अध्ययन -अध्यापन पूरा किया जाएगा।
सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में प्रौद्योगिकी को अपनाया जा रहा है। यह भारत में अपने तरह का अनूठा प्रयोग होगा। यह शहर के किसी भी अन्य नियमित सरकारी स्कूल जैसा ही होगा। हार्वर्ड सोशल एंटरप्राइज कांफ्रेंस में मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक-भावनात्मक लर्निग पर बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हैप्पीनेस करिकुलम और माइंडफुलनेस (सचेतन) ने दिल्ली के छात्रों और उनके परिवार को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाया है।
उन्होंने कहा कि छात्र जिस जगह से आते हैं हम उन समुदायों को सीखने के हब के रूप में विकसित करेंगे ये छात्रों में समाजीकरण की भावना विकसित करेगा, ताकि देश के किसी भी हिस्से से कोई भी छात्र इस स्कूल तक पहुंच प्राप्त कर सके। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के समय घर पर रहना अपने आप में एक बड़ा आघात था।
इस दौरान बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान भी हुआ। लोगों में भविष्य को लेकर एक अनिश्चितता बनी रही और कई लोगों की नौकरी भी छूट गई। सभी के लिए यह कठिन समय था और हमारी सहनशीलता ने इस दौर से निकलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि बच्चों में एक बेहतर जीवन शैली का विकास करने के लिए हमने हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को विकसित किया। इसका उद्देश्य बच्चों में आत्म-जागरूकता, संवाद और उन्हें अपने आसपास की तनावपूर्ण और विपरीत परिस्थितियों से निपटने में मदद करना है।