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सरकार के प्रस्‍ताव में MSP की पांच साल की ग्‍यारंटी, किसानों का दोबारा दिल्‍ली कूच का प्‍लान, जानें क्‍या बोले जानकार

नई दिल्‍ली (New Dehli)। केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को पांच (farmers five)साल, पांच फसलों पर MSP यानी न्यूनतन समर्थन मूल्य का प्रस्ताव (proposal of)दिया गया है। हालांकि, किसानों की तरफ से सरकार के प्रस्ताव (government proposals)को ठुकरा दिया गया है और दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी की जा रही है। अब इस प्रस्ताव को लेकर कुछ जानकार तो सरकार के कदम को ठीक बता रहे हैं, लेकिन कुछ जानकार लंबे समय में इसके असरदार होने पर सवाल उठा रहे हैं।

क्या बोले जानकार

रिपोर्ट के अनुसार, अर्थशास्त्री सुचा सिंह गिल ने प्रस्ताव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि MSP को सिर्फ 4 या 5 फसलों तक करना इस संकट को पूरी तरह से नहीं सुलझाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में सही कीमतों को सुनिश्चित करने के लिए सभी 23 फसलों के लिए MSP की गणना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार सिर्फ पंजाब और हरियाणा पर फोकस कर रही है, जबकि धान कई राज्यों में होती है।


CRRID यानी सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के सतीश वर्मा इस प्रस्ताव के समर्थन में नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके जरिए फसलों का विविधिकरण हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार कोई योजना पेश कर रही है, तो किसानों को उसे मानना चाहिए। फसलों की संख्या को 5 से ज्यादा किया जा सकता है।’ इस दौरान उन्होंने खासतौर से दलहन और मक्का का जिक्र किया।

कृषि अर्थशास्त्री सरदार सिंह जोहल इसे कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग से जोड़कर देखते हैं। उन्होंने कहा, ‘दालों से विविधिकरण तब ही बढ़ेगा, जब वे चावल और गेहूं की जगह लेंगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो उन्हें गर्मियों की फसलों की तरह उगाया जाएगा और ऐसी खेती होगी जिससे भूजल संसाधन पर असर पड़ेगा।’

रिपोर्ट के अनुसार, अर्थशास्त्री रंजीत सिंह घुमन कहते हैं कि कृषि लागत और मूल्य आयोग की तरफ से MSP की पहले भी सिफारिश की गई थी, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘अब पांच सालों का ऑफ दिया गया है। उसके बाद क्या होगा?’

क्या बोली सरकार

रविवार रात हुई किसानों से बातचीत के दौरान सरकार ने एक प्रस्ताव रखा है। इसमें कपास, मक्का, अरहर/तूर, मसूर और उड़द को NCCF, NAFED और CCI के जरिए पांच सालों तक खरीदे जाने की बात कही गई है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था, ‘हमने सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को एमएसपी पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है।’ गोयल ने कहा, ‘हमने प्रस्ताव दिया है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) एमएसपी पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करेगा।’

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