रांची। बहुचर्चित चारा घोटाला में आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की जमानत पर सुनवाई हुई। झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। हालांकि आरजेडी सुप्रीमो को कोई राहत नहीं मिली। लालू प्रसाद को फिलहाल बेल के लिए और इंतजार करना होगा।
कोर्ट में सीबीआई ने लालू प्रसाद की जमानत याचिका का विरोध किया, जिसके बाद कोर्ट ने लालू प्रसाद के हाफ सेंटेंस पूरा होने की अपील को नहीं माना। इसके लिए 26 दिन कम होने के कारण कोर्ट ने बेल पर अगली सुनवाई के लिए 09 अक्टूबर तारीख मुकर्र की है।
बता दें कि चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार मामले में तकरीबन 37 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 24 जनवरी 2018 को 5 साल की सजा सुनाई गई थी। लालू प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सजा की आधी अवधि पूरी होने की दलील देकर न्यायालय से इस केस में जमानत देने की अपील की है।
न्यायालय के समक्ष लालू यादव की ओर से दायर जमानत याचिका में स्वास्थ्य कारणों का भी हवाला दिया गया है। लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर पिछले 28 अगस्त को ही सुनवाई होनी थी। मगर सीबीआई द्वारा समय मांगे जाने के कारण सुनवाई 11 सितंबर तक के लिए टल गयी थी।
बिहार चुनाव को देखते हुए लालू प्रसाद की जमानत पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। मगर लालू प्रसाद को चाईबासा केस में जमानत मिल भी जाती है, तो वे जेल से बाहर नहीं निकल पायेंगे। इसके पीछे की वजह चारा घोटाले के दुमका केस में लालू प्रसाद का सजायाफ्ता होना है।
लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार की माने तो दुमका केस में लालू प्रसाद को सात वर्ष की सजा सीबीआई कोर्ट से दी गई है। इस मामले में आधी सजा अक्टूबर में पूरी हो जाएगी, जिसके बाद न्यायालय में इस मामले में भी जमानत की अर्जी लगाई जायेगी। बता दें कि चारा घोटाले के देवघर और चाईबासा ट्रेजरी के एक अन्य मामले में लालू प्रसाद को पहले ही जमानत मिल चुकी है।