जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए केंट को बना दिया भाजपा का गढ़

जबलपुर। शहर का केंट विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा था। 1977 की जनता लहर में भी कांग्रेस केंट से जीती। कांग्रेस के इस मजबूत गढ़ को उखाडऩे का जिम्मा भाजपा संगठन ने संगठन क्षमता के बेहदधनी रहे ईश्वर दास रोहाणी को सौंपा था। जब विधानसभा के चुनाव हुए तो केंट में कांग्रेस के विधायक चंद्रमोहनदास के खिलाफ भाजपा ने ईश्वरदास रोहाणी को उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में ईश्वरदास रोहाणी ने कांग्रेस के विधायक चंद्रमोहनदास को हराकर पहली बार भाजपा को केंट में जीत दिलाकर सबको चौंका दिया था। जीतने के बाद ईश्वरदास रोहाणी ने चुनाव दर चुनाव भाजपा के वोट बैंक को लगातार बढ़ाया। 2013 के चुनाव के ठीक पहले ईश्वरदास रोहाणी के निधन के पश्चात उनके पुत्र अशोक रोहाणी को केंट विधानसभा से भाजपा ने उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतारा और वे भारी बहुमत से विजयी हुए। अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए केंट को भाजपा का मजबूत गढ़ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव संचालक बनाये गये केंट के विधायक अशोक रोहाणी ने चुनाव के पहले जयलोक से चर्चा करते हुए यह दावा किया था कि नगर निगम चुनाव में वे केंट क्षेत्र में भाजपा की कामयाबी का नया कीर्तिमान बनायेंगे। चुनावी नतीजों के बाद जब जयलोक ने अशोक रोहाणी के दावे को परखा तो केंट में भाजपा की जीत का कीर्तिमान बनाने के अपने दावे में वे सौ प्रतिशत खरे उतरे नजर आये।
नगर निगम सीमा में आने वाले पाँच विधानसभा क्षेत्रों में केंट विधानसभा क्षेत्र इकलौता ऐसा क्षेत्र रहा जहाँ भाजपा के महापौर पद के उम्मीदवार डॉक्टर जितेन्द्र जामदार को जीत मिली और उन्हें 42261 वोट मिले और कांग्रेस के उम्मीदवार जगतबहादुर सिंह अन्नू को 5843 मतों से हारना पड़ा। कांग्रेस के महापौर पद के उम्मीदवार को सिर्फ केंट विधानसभा क्षेत्र में ही हार का मुँह देखना पड़ा है। नगर निगम चुनाव में यह पहला मौका है जब पार्षदों के चुनाव में भाजपा विधायक अशोक रोहाणी ने अपनी कुशल संगठन क्षमता के बूते कांग्रेस का सफाया ही कर दिया और कांग्रेस का एक भी पार्षद चुनाव नहीं जीत पाया। अब केंट विधानसभा क्षेत्र को विधायक अशोक रोहाणी ने भाजपा का एकतरफा गढ़ बना दिया है।



चारों विधानसभाओं की स्थिति
पश्चिम विधानसभा से कांग्रेस को 66416 वोट और भाजपा को 65256 वोट मिले। कांग्रेस यहां से 1160 वोटों से जीती। उत्तर मध्य विधानसभा में कांग्रेस को 69593 वोट मिले और भाजपा को 59705 वोट मिले। यहां से कांग्रेस 9888 वोटों से जीती। पूर्व विधानसभा से कांग्रेस को 87966 वोट मिले वहीं भाजपा को 51802 वोट मिले यहां कांग्रेस सर्वाधिक 36164 वोटों से जीती। पनागर विधानसभा से कांग्रेस को 29150 वोट मिले और भाजपा को26493 वोट मिले। यहां कांग्रेस 2657 वोटों से जीती। बरगी विधानसभा से भी कांग्रेस 278 वोटों से जीती। केण्ट विधानसभा से कांग्रेस क को 36418 वोट मिले और भाजपा को 42261 वोट मिले।

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