विदेश

ईरान-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने की फोन पर चर्चा, तनाव कम करने पर बनी सहमति

इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) और ईरान (Iran) के बीच तनाव कम करने पर समहति बन गई है। ईरान (Iran) के बलूचिस्तान में आतंकवादी ठिकानों (terrorist targets Baluchistan) पर हवाई हमलों (Air strikes) के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। संबंधों की तल्खी के बीच ईरान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को फोन पर बातचीत की। इसके बाद दोनों देश तनाव को कम करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समन्वय को मजबूत करने पर सहमत हुए। साथ ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर सैन्य हमलों के बाद पटरी से उतरे संबंधों को सुधारने पर भी चर्चा की और मौजूदा हालात की समीक्षा की है। दोनों देशों के राजदूतों की वापसी पर भी चर्चा हुई।


पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी (Foreign Minister Jalil Abbas Jilani) ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन (Iranian counterpart Hossein Amir-Abdollahian) से टेलीफोन पर बात की और पारस्परिक विश्वास व सहयोग की भावना के आधार पर ईरान के साथ काम करने की देश की इच्छा जताई। बयान में कहा गया है कि पाक विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। एफओ ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद विरोधी अभियान और आपसी चिंता के अन्य मुद्दों पर सहयोग और समन्वय को मजबूत किया जाना चाहिए। दोनों पक्ष तनाव कम करने पर भी सहमत हुए। दोनों नेताओं ने पड़ोसियों के बीच घनिष्ठ भाईचारे के संबंधों को भी रेखांकित किया।

ईरान के साथ घनिष्ठ सहयोग की जरूरत
एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के मंत्रियों की बातचीत के दौरान तनाव कम करने के प्रयास करने पर जोर दिया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को पाकिस्तान ने तुर्किये से भी इस संबंध में बात की। पाकिस्तान ने साफ किया कि उसे ईरान के साथ तनाव बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। पाकिस्तान ने व्यापक सुरक्षा समीक्षा के संकेत भी दिए हैं। विदेश मंत्री जिलानी ने आपसी विश्वास और सहयोग की भावना के आधार पर काम करने की भावना से भी ईरानी समकक्ष को अवगत कराया। उन्होंने ईरान के साथ सुरक्षा मुद्दों पर घनिष्ठ सहयोग की जरूरत भी बताई।

तुर्किये से बातचीत के बाद ईरान के संपर्क में आया पाकिस्तान
ईरानी समकक्ष के साथ बातचीत से पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री जिलानी और तुर्किये के उनके समकक्ष के बीच भी फोन पर बात हुई। इस संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्र के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि तुर्किये और पाकिस्तान की बातचीत उस समय हुई जब पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक शुरू की। इसमें देश के सभी सैन्य सेवा प्रमुख भी मौजूद रहे।

दावोस से लौटे पाकिस्तानी PM, यूएन और अमेरिका का बयान
इसके बारे में पाकिस्तान के सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा, बैठक का मकसद ‘ईरान और पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाओं के बाद व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा समीक्षा’ की गई। हालात की गंभीरता को भांपते हुए पीएम काकर ने स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की यात्रा को बीच में ही छोड़ दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका ने भी संयम बरतने का आह्वान किया है। हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह भी कहा कि दोनों देशों के टकराव से साफ होता है कि इस क्षेत्र में ईरान को पसंद नहीं किया जाता है।

दोनों देशों के मंत्रियों की बातचीत
ईरान-पाकिस्तान टकराव के कारण बढ़े तनाव से जुड़ी खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने शुक्रवार को अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीराब्दुल्लाहियन से फोन पर बात की। इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान की तरफ से जवाबी हमलों के बाद ईरान ने कहा था कि उसके क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में चार बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हुई है। पाकिस्तान ने कहा कि मंगलवार को हुए ईरानी हमले में दो बच्चों की मौत हो गई।
पाकिस्तान में चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा

ईरान के साथ बढ़ते तनाव के कारण पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव प्रभावित नहीं होंगे। चुनाव आयोग के प्रवक्ता के हवाले से द न्यूज इंटरनेशनल अखबार की रिपोर्ट में कहा गया, चुनाव आयोग अभी भी निर्धारित समय पर चुनाव कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पाकिस्तान-ईरान तनाव के कारण चुनाव की तारीख की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है। सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने भी कहा कि चुनाव समय पर होंगे और दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का चुनाव कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चुनाव कराने के लिए जरूरी सुरक्षा उपायों पर सोलांगी ने कहा, सरकार शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को जरूरी सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने दोहराया, ‘अब घोषित तिथि पर आम चुनाव से पीछे हटने की कोई जरूरत नहीं है।’

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