भोपाल। लोकसभा में मंगलवार को केन्द्रीय बजट पेश (Union budget presented) किया गया। बजट को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां भाजपा बजट को जनहितैषी और विकसित भारत के निर्माण का बजट बता रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने बजट को निराशाजनक (disappointing) बताया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि आज पेश आम बजट में बेरोजग़ारी पर कुछ नही, कृषि क्षेत्र पर कुछ नहीं, किसी को कोई राहत नहीं, आम आदमी को कोई राहत नहीं। सिर्फ़ बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने का काम। आज का बेरोजग़ार युवा जो भटक रहा है, उसके चेहरे पर इस बजट से निराशा है।
कमलनाथ ने कहा कि वैबसाइट, सॉफ्टकेंद्र सरकार का आज पेश आम बजट पूरी तरह से निराशाजनक साबित हुआ है। महज़ आंकड़ों की बाजीगरी से भरा व एक बार फिर झूठे सपने दिखाने वाला साबित हुआ है। इस बजट में किसी भी वर्ग के लिए कुछ नहीं है। आमजन इनकम टैक्स स्लैब में छूट बढ़ाने की मांग बड़े लंबे समय से कर रहे थे लेकिन कोई राहत प्रदान नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद किसान एमएसपी पर गारंटी की माँग कर रहे थे लेकिन एमएसपी की गारंटी पर इस बजट में कोई बात नहीं। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के जो झूठे सपने दिखाये गये थे, उस पर भी आज कोई बात नहीं? सात वर्ष पूर्व दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का सपना दिखाने वाले अभी भी 60 लाख नई नौकरियों सृजित करने के झूठे सपने दिखा रहे हैं?
पूर्व सीएम ने कहा कि जब यह सच्चाई सामने आ चुकी है कि महंगाई के बढऩे में ईंधन की बढ़ती कीमतें प्रमुख कारण है तो क्या कारण है कि उसके बाद भी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कोई राहत नहीं? महंगाई से राहत के लिये बजट में कुछ नहीं। कमलनाथ ने कहा कि स्कूलों के भवन नहीं, स्कूलों में बिजली नहीं, शिक्षक नहीं, पानी नहीं और अब स्कूलों में हर क्लास में टीवी लगाने के झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं। रेल यात्री किराए और माल भाड़े में भारी भरकम बढ़ोतरी के बाद अब नई ट्रेनों के सपने दिखाए जा रहे हैं। किसानों, युवाओं, महिलाओं, नौकरीपेशा वर्ग, मध्यम वर्ग किसी के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। यह बजट किसान विरोधी, युवा विरोधी, आमजन विरोधी है।
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि जो थोड़ी बहुत घोषणाए बजट में की गई हैं, वह भी आगामी पांच राज्यों के चुनावों को देखते हुए ही की गयी हैं। सात वर्ष बाद बाद भी अगले 25 वर्ष के झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं। जनता को आज पेश आमबजट से बेहद निराशा हुई है और यह बजट जनता के साथ छलावा साबित हुआ है।
Share: