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15 साल पहले हुई थी पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा की मौत, अब मिला मुआवजा

नई दिल्ली। 15 साल पहले सड़क हादसे (road accident 15 years ago) का शिकार हुए पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा (Former Chief Minister Sahib Singh Verma) की पत्नी और बेटे (wife and son) को अदालत ने छह लाख 35 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इस रकम पर दुर्घटना में प्रयुक्त वाहन का बीमा करने वाली कंपनी ने साढ़े सात फीसदी के ब्याज का भुगतान भी मृतक के परिवार को किया है।

रोहिणी स्थित एमएसीटी जज चन्द्र बोस की अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं दिल्ली में मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा की मौत का मुआवजा तय करते हुए कहा कि सड़क हादसे के समय उनकी आयु 64 साल तीन महीने 15 दिन थी। इसके हिसाब से भविष्य की सात साल की आय को आधार मानते हुए मुआवजे की रकम तय की गई है। अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी को कुल मुआवजा रकम में से तीन लाख 85 हजार 937 रुपये दिए हैं। जबकि बेटे को दो लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए हैं।


इससे पहले 50 हजार रुपये अंतरिम मुआवजे के तौर पर दिए गए थे। यह रकम भी मुआवजा रकम में जोड़ी गई है। हालांकि यह रकम आगामी पांच साल तक के लिए बैंक में फिक्सड डिपोजिट (एफडी) कराई गई है। इस फिक्सड डिपोजिट वाली रकम पर मिलने वाले ब्याज को समय से मुआवजा दावाकर्ताओं के बचत खाते में स्थानान्तरित कर दिया जाएगा।

पत्नी और बेटे ने दिखाई थी निर्भरता
इस मामले में मृतक साहब सिंह वर्मा की पत्नी और बेटे ने मुआवजा याचिका दायर करते हुए कहा था कि साहिब सिंह वर्मा वर्ष 1996 से वर्ष 1998 के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके बाद वह 13वीं लोकसभा में वर्ष 1999 से 2004 के बीच सांसद रहे हैं। साहिब सिंह वर्मा की 30 जून 2007 को जयपुर से दिल्ली लौटते समय अलवर के नजदीक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनकी टाटा सफारी कार को ट्रक ने जबरदस्त टक्कर मारी थी। मृतक वर्मा की पत्नी का कहना था कि घटना के समय उनका छोटा बेटा अविवाहित था और कोई काम नहीं करता था। मुआवजा दावे में कहा गया था कि वह और उनका बेटा जीवन यापन के लिए साहब सिंह वर्मा पर निर्भर थे।

भविष्य बनता है आधार
सड़क दुर्घटना के मामले में अदालत मुआवजा दावे पर निर्णय करते समय हादसे में जख्मी अथवा मृतक पर परिवार की निर्भरता, उसकी घटना के समय उम्र और आय के मद्देनजर मुआवजा रकम तय करती है। यहां क्योंकि राजनेता की उम्र हादसे के समय 64 साल थी इसलिए सात साल तक आय को आधार बनाया।

72 हजार मानी आय
अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री की सालाना आय 72 हजार रुपये पाई। सात साल की आय जोड़ते हुए कुल 5 लाख चार हजार रुपये मानी गई। वहीं मुखिया को असमय खोने के कारण हुई अन्य हानि की ऐवज में 45 हजार रुपये मुआवजा दिया। जबकि एक बड़े राजनेता होने के नाते व अन्य क्रियाओं की एवज में 80 हजार का मुआवजा दिया गया है।

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