भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पार्षद और महापौर के टिकट के लिए बनाया जा रहा फॉर्मूला

  • कांग्रेस हर वार्ड में नियुक्त करेगी पर्यवेक्षक और प्रभारी, भाजपा में विभिन्न स्तरों पर गहरा मंथन होगा

भोपाल। नगर निगम चुनाव को लेकर आरक्षण प्रक्रिया होने के बाद अब दावेदारी में दम लगाने का दौर शुरू हो गया है। हालांकि जिन परिस्थितियों में चुनाव हो रहे हैं, सिर्फ दावेदार ही नहीं, भाजपा और कांगे्रस भी टिकट निर्धारण को लेकर बेहद गंभीर है। इसके चलते दावेदारों के लिए टिकट पाने का सफर कई बेरिकेड्स से होकर गुजरेगा वहीं स्थानीय के साथ भोपाल और दिल्ली या नागपुर तक दम लगाना पड़ सकता है। निगम चुनाव में टिकट को लेकर दावेदार और राजनीतिक दल दोनों ही सक्रीय हो गए हैं। एक ओर दावेदार वरिष्ठ नेताओं से संपर्क कर रहे है तो राजनीतिक दल भी टिकट वितरण के लिए अधिकृत प्रक्रिया तैयार कर रहे हैं। इस तरह दोनो ही दल के दावेदारों को टिकट पाने के लिउ संगठन की तय प्रक्रिया का औपचारिक पालन तो करना ही होगा। इसके अलावा दावेदारी और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त व्यक्तिगत प्रयास भी करना पड़ेंगे। इधर अगले वर्ष विधानसभा में कांटे का मुकाबला होने की संभावन के कारण राजनीतिक दल भी प_ावाद से ज्यादा जीत की संभावना वाले मैदान में उतारने का प्रयास करेंगे।


हर वार्ड में पर्यवेक्षक, अध्यक्ष भी करेंगे दौरा
पार्षद व महापौर प्रत्याक्षी के टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस ने पहले चरण की प्रक्रिया तैयार कर ली है। इसके अनुसार सभी 85 वार्डों में पार्टी एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। इन पर्यवेक्षकों के ऊपर एक-एक वार्ड प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। पर्यवेक्षक अपने-अपने वार्ड में सर्वे कर जीतने की संभावना रखने वाले प्रमुख दावेदारों को सूचिबद्ध करेंगे। वार्ड प्रभारी इस सूची का परीक्षण करेंगे। इसके आधार पर दावेदारों की पैनल तैयार कर पार्टी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। वहीं महापौर क टिकट के लिए प्रथक से चयन समिति बनेगी या नहीं, फिलहाल स्पष्ठ नहीं है। टिकट वितरण को लेकर भाजपा में भी विभिन्न स्तरों पर प्रत्येक दावेदार के नाम पर गहरा मंथन होगा। हर वार्ड से दावेदारों को सूचिबद्ध किया जाएगा। हालांकि टिकट चयन की पूरी प्रक्रिया को लेकर विस्तृत चर्चा नहीं हो पाई लेकिन सूत्र बताते है कि पार्षट टिकट के लिए पहले स्थानीय कोर समिति दावेदारों के नामों का चयन करेगी।
चयनित नाम संभागीय चुनाव समिति को प्रस्तुत होंगे और विभिन्न पैमानों पर मंथन के बाद प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगेगी। यही प्रक्रिया महापौर प्रत्याशी के चयन के लिए भी होगी लेकिन अंतिम मुहर प्रदेश चुनाव समिति की द्वारा लगाई जाएगी।

Share:

Next Post

चुनाव तक सैकड़ों जोड़े नहीं बन पाएंगे जीवन साथी

Mon May 30 , 2022
चुनाव आचार संहिता की भेंट चढ़ गई मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना भोपाल। मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के तहत शादी का सपना संजोए जोड़ों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना चुनाव आचार संहिता की भेंट चढ़ गई है। इस कारण सैकड़ों जोड़े जीवन साथी नहीं बन पाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश […]