इंदौर न्यूज़ (Indore News)

खुदकुशी मामले में पत्नी, सास सहित छह को चार साल की कैद

  • टेलीशॉपिंग कंपनी के एमडी के सुसाइड नोट को कोर्ट ने माना विश्वसनीय

इंदौर। टेलीशॉपिंग कंपनी के एमडी उमंग परिहार को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में आठ साल बाद पत्नी, सास सहित आधा दर्जन मुजरिमों को कोर्ट ने गुनहगार ठहराते हुए चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सूत्रों के अनुसार उमंग को खुदकुशी के लिए उकसाने के जुर्म में उसकी पत्नी शिल्पा, सास कोमल चंदानी व नानी सास पुष्पा शर्मा तीनों निवासी विजयनगर के अलावा पंकज चंदानी निवासी विजयनगर, अनिरुद्धसिंह उर्फ अन्नू निवासी स्कीम नंबर 51, जसबीरसिंह उर्फ जस्सी निवासी भोलाराम उस्ताद मार्ग के खिलाफ सेशन कोर्ट में केस चला, जहां मुजरिमों की ओर से दलील दी गई थी कि चंूकि उमंग ने घरवालों की मर्जी से हटकर शिल्पा से अंतरजातीय शादी की थी, इसलिए पिता ने उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया था, इस कारण उमंग ने खुदकुशी की थी, लेकिन सुसाइड नोट में मुजरिमों द्वारा प्रताडि़त करने का जिक्र करते हुए जान देने की बात कही गई थी। हस्तलिपि विशेषज्ञ ने यह सुसाइड नोट उमंग द्वारा ही लिखे जाने की पुष्टि सभी पर सभी 6 लोगों को चार-चार साल के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया। मामले में जसवीर व अनिरुद्ध को छोडक़र चार मुजरिम पहले ही दो माह 22 दिन जेल की हवा खा चुके थे, जबकि शेयर ब्रोकर पंकज पहले से ही एक अन्य केस में उज्जैन जेल में बंद है।


रेप.. शादी… फिर केस की धमकियां….तो लगा लिया मौत को गले
उमंग यहां श्रद्धाश्री कॉलोनी में चाचा राजेंद्रसिंह परिहार के यहां किराए से रहता था। 10 जनवरी 2014 को शिल्पा के घरवालों ने उमंग के परिजनों के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। इसके बाद शिल्पा व परिजनों ने 12 जनवरी 2014 को उमंग के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करा दिया, जिसमें काफी मुश्किल से वह जेल से छूटा था। बाद में शिल्पा के दबाव में आकर 22 जनवरी 2014 को उससे शादी भी कर ली, किंतु शादी के बाद से ही उसे शिल्पा व उसके परिजन तंग कर रहे थे और शिल्पा अपनी कंपनी उसके नाम करने का दबाव डाल रही थी। अमित व अन्य लोग उसे नए केस में उलझाने की धमकी दे रहे थे। इस पर 27 मार्च 2014 को उमंग ने फांसी लगा ली।

एफआईआर में नाम होने के बावजूद पुलिस ने दो को छोड़ा
खास बात यह है कि एफआईआर में होने के बाद भी पुलिस ने चालान पेश करते दो लोगों के नाम छोड़ दिए थे। इस मामले में सरकारी वकील ने लोकेंद्रसिंह जादौन व अमितसिंह चौहान को मुलजिम बनाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। उन पर उमंग को प्रताडि़त करने के तथ्य उमंग के पिता राजेंद्रसिंह परिहार व मां सुषमा व रिश्तेदार समीर परिहार के नाम बयानों में आए थे। किंतु सबूत नहीं होने के आधार पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ ही चालान पेश किया था।

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