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खून से लेकर चश्मे तक, करोड़ों में नीलाम हो चुकी हैं Bapu की ये चीजें


नई दिल्ली । पूरी दुनिया में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की विचारधारा और उनके आदर्शों के करोड़ों प्रशंसक हैं. सत्य और अहिंसा के पुजारी बापू (Bapu) की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके जाने के इतने वर्षों बाद भी महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के विचारों की उपासना होती है.

नीलाम हो चुकी हैं बापू की ये निशानियां
राष्ट्रपिता (Father of Nation) के जाने के बाद उनकी निशानियां ब्रिटेन में नीलाम (Auction) हुई थीं. भारत (India) ने इस नीलामी को रोकने की बहुत कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहा. बापू के खून के नमूने, शॉल, चप्पल, चावल का कटोरा, वसीयत और पॉवर ऑफ अटॉर्नी जैसी चीजों के जरिये नीलामीघर ने 2 करोड़ 51 लाख 64 हजार रुपये (तीन लाख पौंड) कमाए हैं.


इसके बाद इनकी टोपी, चरखा, तुलसी की माला और चश्मे की भी नीलामी की गई. इतना ही नहीं, गांधी जी की निशानी ने नीलामी में विश्व रिकॉर्ड (Auction World Record) भी बनाया.

गांधी की वसीयत (Gandhi’s Will)
गांधीजी की वसीयत को 46,13,400 रुपये (55 हजार पौंड) में नीलाम किया गया था. इसके 33 लाख में बिकने की उम्मीद लगाई गई थी.

खून के नमूने (Blood Sample)
बापू के खून के नमूने को उम्मीद से कम केवल 5,87,000 रुपये (7,000 पौंड) मिले थे. यह नमूना 1924 में मुंबई के एक अस्पताल में लिया गया था. मुंबई के एक अस्पताल में बापू का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था.

बापू की चिट्ठी (Bapu’s Letter)
बापू की वर्ष 1943 में लिखी गई एक चिट्ठी ने नीलामी में विश्व रिकार्ड (Auction World Record) बनाया था. वह चिट्ठी एक लाख 15 हजार पौंड में नीलाम हुई थी.

खून से सनी मिट्टी और घास (Soil And Grass)
नीलामीकर्ताओं ने बापू की हत्या के समय उनके खून से सनी मिट्टी और घास के टुकड़े भी नीलाम कर दिए हैं.

चमड़े की चप्पलें (Leather Slippers)
बापू की पहनी हुई चमड़े की चप्पलें भी 19 हजार पौंड में नीलाम हो चुकी हैं.

तुलसी की माला (Basil Rosary)
बापू द्वारा जाप के लिए इस्तेमाल की हुई तुलसी की माला की नीलामी 9500 पौंड में हुई थी.

पावर ऑफ अटर्नी (Power Of Attorney)
बापू की पावर ऑफ अटर्नी, जिस पर भारतीय बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) की कई मुहर थीं, वह 25 हजार पौंड में नीलाम की गई थी.

बापू के दस्तखत (Bapu’s Signature)
बापू की एक तस्वीर, जिस पर उन्होंने दस्तखत किए थे, वह अपनी असली कीमत 10 हजार पौंड से चार गुना महंगी 40 हजार पौंड में बिकी थी. बापू की रामायण (Ramayana) की निजी प्रति 3500 पौंड में नीलाम हुई थी.

बापू की टोपी (Bapu’s Cap)
महात्मा गांधी की टोपी 8400 पौंड में नीलाम हुई थी. भारत (India) के लाख हस्तक्षेप के बाद भी जब गांधी की निशानियों की नीलामी नहीं रुक पाई थी, तब भारतीय उद्योगपति विजय माल्या (Vijay Mallya) ने नीलामी में शामिल होकर 18 लाख डॉलर में बापू से जुड़ी पांच चीजें (चश्मा, घड़ी, चप्पलें, थाली और कटोरी) खरीदी थीं.

गांधीजी की दूसरी ब्लड रिपोर्ट (Gandhi’s Second Blood Report)
गांधीजी की दूसरी ब्लड रिपोर्ट को 10,370 डॉलर में नीलाम किया गया था. इस पर दिल्ली के इरविन अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के निदेशक बीएल तनेजा के हस्ताक्षर हैं.

बापू का चरखा (Bapu’s Spinning Wheel)
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रिय वस्तुओं में से एक चरखे की ब्रिटेन में नीलामी की गई थी. इस चरखे का इस्तेमाल गांधी जी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) के दौरान येरवदा जेल में किया था. क्या आप महात्मा गांधी के चरखे की कीमत का अंदाजा लगा सकते हैं? ब्रिटेन में हुई एक नीलामी में बापू का चरखा 1,10,000 पौंड यानी 1,087,5700 रुपये में नीलाम हुआ था.

बापू का चश्मा (Bapu’s Glasses)
बापू के चश्मे की नीलामी 2 करोड़ 55 लाख रुपये में हुई थी. ब्रिटेन के ब्रिस्टल (Bristol) में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चश्मे को नीलाम किया गया था. महात्मा गांधी को यह चश्मा उनके चाचा ने उस वक्त दिया था, जब वो दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में काम कर रहे थे. यह 1910 से 1930 के बीच का दौर था.

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